FILE
सौर ऊर्जा और गोबर गैस से बिजली की सप्लाई की गई। 1990 में 'पद्मश्री' और 1992 में 'पद्मभूषण' से सम्मानित अण्णा की राष्ट्रीय स्तर पर भ्रष्टाचार विरोधी के तौर पर पहचान 90 के दशक में बनी, जब उन्होंने 1991 में 'भ्रष्टाचार विरोधी जनआंदोलन' की शुरुआत की। महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा की सरकार के कुछ मंत्रियों को हटाए जाने की माँग को लेकर भूख हड़ताल की।
ये मंत्री थे- शशिकांत सुतर, महादेव शिवांकर और बबन घोलाप। दो मंत्रियों सुतर और शिवांकर को हटाना ही पड़ा। 2003 में अण्णा ने कांग्रेस और एनसीपी सरकार के चार मंत्रियों सुरेश दादा जैन, नवाब मलिक, विजय कुमार गावित और पद्मसिंह पाटिल के खिलाफ मुहिम छेड़ी और भूख हड़ताल पर बैठ गए।
सरकार को झुकना पड़ा और एक जाँच आयोग का गठन किया गया। इसी आंदोलन ने राष्ट्रीय आंदोलन का रूप लिया और 2005 में संसद ने सूचना का अधिकार कानून पारित किया। अब अण्णा हजारे जनलोकपाल बिल के मुद्दे पर केंद्र सरकार से दो-दो हाथ कर रहे हैं।
अन्ना की टीम के सदस्य हैं :-

ND
अरविंद केजरीवाल 1992 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में आए। वे सेल्स टैक्स विभाग में एडिशनल कमिशनर रहे हैं। उन्होंने अपने मकसद पर काम करने के लिए सरकारी नौकरी से दो वर्ष की छुट्टी ली। बाद में वे अण्णा हजारे के आंदोलन से जुड़ गए और नौकरी छोड़ दी।

ND
भारतीय पुलिस में अपनी सेवाओं के दौरान भी उन्होंने पढ़ाई नहीं छोड़ी। सामाजिक विज्ञान में 'नशाखोरी तथा घरेलू हिंसा' विषय पर शोध करके पीएचडी की डिग्री हासिल की। भारतीय पुलिस सेवा में पहली महिला अधिकारी बनीं किरण बेदी, पुलिस महानिदेशक (ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट) के पद पर पहुँचने वाली एकमात्र भारतीय महिला रही हैं।

ND
आम आदमी को न्याय मिले इसके लिए वे न्यायपालिका की आँख की किरकिरी भी बने। वे सिविल सोसायटी में भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रतीक बन चुके हैं। प्रशांत भूषण और उनका परिवार भी इस काम में पीछे नहीं है। लोकपाल बिल के लिए बनी संयुक्त प्रारूप समिति में प्रशांत भूषण और शांति भूषण दोनों शामिल हैं और अण्णा हजारे के सबसे नजदीकी साथियों में माने जाते हैं।

ND