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Written By भाषा

वरिष्ठ नेता के करुणाकरन का निधन

वरिष्ठ नेता के करुणाकरन का निधन -
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और चार बार केरल के मुख्यमंत्री तथा केंद्रीय मंत्री रह चुके के. करुणाकरन का गुरुवार की शाम यहाँ के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वे 93 वर्ष के थे

करुणाकरन को 10 दिसंबर को साँस लेने में गंभीर समस्या और बुखार के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हृद्याघात (स्ट्रोक) के बाद कल उनकी हालत बिगड़ गई थी और तब से वह वेंटिलेटर पर थे।

देश में एक नेता के तौर पर उनका काफी सम्मान था। उनके पुत्र मुरलीधरन और पुत्री पद्मजा अस्पताल में उपस्थित थे। करुणाकरन 1995 में एक साल की संक्षिप्त अवधि के लिए केंद्रीय उद्योग मंत्री भी रहे। करुणाकरण को देश की गठबंधन राजनीति के मुख्य शिल्पकारों में से एक समझा जाता है।

गत 10 दिसंबर को साँस लेने में तकलीफ और बुखार की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराए जाने से पहले तक वह राजनीति में सक्रिय थे। यद्यपि शुरुआती दिनों में उनकी हालत में सुधार के संकेत थे लेकिन स्ट्रोक के बाद उनकी हालत गंभीर हो गई थी।

उनकी पत्नी कल्याणिकुट्टी अम्मा की 15 साल पहले मृत्यु हो गई थी। उनके परिवार में पुत्र के मुरलीधरन (केपीसीसी के पूर्व अध्यक्ष) और पुत्री पद्मजा वेणुगोपाल (केपीसीसी कार्यकारिणी समिति सदस्य) हैं।

करुणाकरन का जन्म कन्नूर जिले के चिराक्कल में 5 जुलाई 1918 को रावुन्निया माड़ड़ और कन्नोथ कल्याणी अम्मा के परिवार में हुआ था। करुणाकरण एक मंझे हुए नेता थे और उनके समर्थक उन्हें ‘चाणक्य’ कहा करते थे।

करुणाकरन ने बेहद कम उम्र में स्कूली शिक्षा त्याग दी और अपने राजनैतिक कैरियर की शुरूआत कांग्रेस से की। देशभक्ति का जज्बा उनमें बचपन से ही था। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम और ट्रेड यूनियन गतिविधियों में भी हिस्सा लिया था।

करुणाकरण कोचीन विधानसभा के 1948 से सदस्य बने और त्रावणकोर-कोचीन विधानसभा के लिए 1949, 1952 और 1954 में तीन बार निर्वाचित हुए। वह केरल विधानसभा में त्रिसूर जिले के माला विधानसभा क्षेत्र से लगातार सात बार निर्वाचित हुए।

एक प्रशासक के तौर पर करुणाकरन ने राज्य के विकास में काफी योगदान दिया। उनकी पहल से ही कोच्चि के नेदुमबासरी में निजी क्षेत्र की भागीदारी से देश का पहला हरित हवाई अड्डा बना। करुणाकरन तीन बार राज्यसभा और दो बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए।

वह 1995-97, 1997-98 और 2004-05 के दौरान राज्यसभा के सदस्य रहे। उन्होंने 1998 में तिरुवनंतपुरम और 1999 में मुकुंदपुरम लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। (भाषा)