Last Modified: कोलकाता ,
बुधवार, 24 जुलाई 2013 (23:32 IST)
नकदी का रास्ता बंद न करे आरबीआई
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कोलकाता। भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन प्रतीप चौधरी ने आज भारतीय रिजर्व बैंक को बैंकों के लिए नकदी का रास्ता बंद न करने की अपील करते हुए कहा कि वह अगर जरूरत समझे तो ब्याज दरें बढ़ा दे।
उन्होंने रुपए की विनिमय दर के प्रबंध में पारदर्शिता की जरूरत पर भी बल दिया। चौधरी ने यह फिक्की द्वारा आयोजित बैंकिंग सम्मेलन के दौरान कहा कि ‘केंद्रीय बैंक को जब भी करेंसी को बचाना हो या मुद्रास्फीति को नियंत्रण से बाहर होने से रोकना हो तो उसे कृपा कर ब्याज बढानी चाहिए, नकदी का रास्ता बंद नहीं करना चाहिए।’
रिजर्व बैंक ने ऐसी व्यवस्था कर दी है, जिससे बैंकों को प्रति दिन नकदी उपलब्ध कराने की व्यवस्था के तहत उपलब्ध कराई जाने वाली राशि घटकर आधी रह जाएगी। अभी तक यह 75,000 करोड़ रुपए (बैंकों में जमा धन का एक प्रतिशत) थी।
इसी तरह उसने आरक्षित नकदी (सीआरआर) को भी प्रति दिन 99 प्रतिशत के स्तर पर बनाए रखने को कहा है। इन उपायों से बैंकों के लिए धन महंगा हो जाएगा और वे ब्याज दर बढ सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बांड बाजार के एक तरह से खत्म होने से स्टेट बैंक पर प्रभाव नहीं पड़ेगा।
आज ही वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के साथ बैंक प्रमुखों की बैठक के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘बांड बाजार एक तरह से खत्म हो गया है। न तो केंद्र और न ही राज्य सरकारों कोई नया बांड निर्गम ला पा रही हैं। जो बैंक अल्पकालिक वित्त पोषण पर भरोसा करते हैं, वे प्रभावित हो सकते हैं। हमारे जैसे बैंक जहां 99 प्रतिशत वित्त पोषण खुदरा स्रोत से है, प्रभावित नहीं होंगे।’ (भाषा)