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Written By भाषा

मीडिया पर बाहरी ‍नियंत्रण नहीं-मनमोहन

मीडिया पर बाहरी ‍नियंत्रण नहीं-मनमोहन -
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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मीडिया पर किसी तरह के बाहरी नियंत्रण से इंकार करते हुए कहा कि देश का मीडिया पेड न्यूज जैसी ‘बुराइयों’ पर खुद ही काबू पा सकता है। उन्होंने मीडिया से सनसनी फैलाने की प्रवृत्ति कम करने का आग्रह किया।

एक हिंदी अखबार के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने मीडिया को उसके दायित्वों के प्रति सजग करते हुए कहा कि मीडिया को उन मुद्दों का कवरेज बढ़ाना चाहिए जो देश के लिए वास्तव में महत्वपूर्ण हैं।

प्रधानमंत्री ने इस मौके पर गुप्त की याद में डाक टिकट जारी किया और इसे उनके जन्म के सौवें साल में उनके प्रति आदर जाहिर करने का उत्तम तरीका बताया। उन्होंने साथ ही स्मृति पुस्तिका का विमोचन भी किया। पूर्ण चंद्र दो वर्ष तक प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के चेयरमैन भी रहे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि हमारे देश का मीडिया आम तौर पर स्वतंत्र और जीवंत है। स्वतंत्रता के बाद से देश में मीडिया की भूमिका और उसके काम करने के तरीके पर चर्चा होती रही है। उन्होंने कहा कि मेरे विचार में हमारे देश में यह आम धारणा है कि मीडिया पर कोई बाहरी दबाव नहीं होना चाहिए, लेकिन मेरा यह भी मानना है कि मीडिया के प्रतिनिधियों को मिल-जुलकर कोई ऐसा रास्ता निकालना चाहिए, जिसमें निष्पक्षता और वस्तुनिष्ठता को बढ़ावा मिले और सनसनी फैलाने की प्रवृत्ति कम हो।

नई प्रौद्योगिकी के सहारे अखबार और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की पहुंच बढ़ने को देश के लोकतंत्र के लिए अच्छा बताते हुए प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि भारतीय मीडिया पेड न्यूज जैसी बुराइयों पर भी सफलतापूर्वक काबू पा लेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे विश्वास है कि पेड न्यूज जैसी बुराइयों को मिटाने के लिए भारत का मीडिया खुद प्रयास करेगा और इसमें सफल भी होगा। आपको इस बात पर भी ध्यान देना चाहिए कि किस तरह से उन मुद्दों का कवरेज बढ़ा सकते हैं, जो वास्तव में हमारे देश के लिए महत्वपूर्ण हैं।

स्वर्गीय गुप्त की बेबाक पत्रकारिता की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने जीवनभर आजाद और बेबाक पत्रकारिता को बढ़ावा दिया। किसी भी लोकतंत्र के लिए इस तरह की पत्रकारिता बहुत आवश्यक है। सिंह ने अपने संबोधन में देशवासियों को नववर्ष की मुबारकबाद देते हुए आने वाले वर्ष में देश के लिए सुख समृद्धि की कामना की।

स्वतंत्रता सेनानी, क्रांतिकारी, पत्रकार और उद्यमी के तौर पर गुप्त की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका पक्का विश्वास था कि भारत की जनता की आकांक्षाओं और भावनाओं को भारतीय भाषाओं के अखबारों के जरिए ही सही तरीके से जाहिर किया जा सकता है।

समारोह में अन्य लोगों के अलावा भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी, केन्द्रीय मंत्रियों जयराम रमेश, सचिन पायलट, ज्योतिरादित्य सिंधिया, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी और मध्यप्रदेश के राज्यपाल राम नरेश यादव भी मौजूद थे।

संचार और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री पायलट ने इस अवसर पर गुप्त की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने जीवनभर अपने लोकतांत्रिक मूल्यों और स्वतंत्र विचारधारा से कोई समझौता नहीं किया। (भाषा)