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Written By भाषा

मंदिर मुद्दे पर भाजपा को नसीहत

मंदिर मुद्दे पर भाजपा को नसीहत -
केंद्र में कांग्रेसनीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार बनने के फौरन बाद बजरंग दल ने राम मंदिर मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी को नसीहत दी है।

विश्व हिंदू परिषद के युवा दस्ते ने भाजपा से कहा है कि उसे इस मुद्दे को महज चुनावी घोषणापत्र तक न सीमित रखते हुए जमीन पर उतारना होगा तभी उसे इसका फायदा मिल सकता है।

बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक प्रकाश शर्मा ने कहा भारत दो दलीय व्यवस्था की ओर बढ़ रहा है। जनता ने गठबंधन के नाम पर सत्ता के लिए सौदेबाजी करने वाले लोगों को दरकिनार कर दिया है।

भगवा संगठन के पदाधिकारी के मुताबिक यह हालाँकि अलग विषय हो सकता है कि सत्ता में कौन पहुँचा और कौन नहीं लेकिन पंद्रहवीं लोकसभा के चुनाव ने हिंदू समर्थक और हिंदू विरोधी दलों का ध्रुवीकरण कर दिया है।

उन्होंने कहा कि एक दल (भाजपा) जिसे अब भी तुष्टीकरण की नीति के खिलाफ माना जाता है उसे चाहिए कि वह जनता की भावनाओं को समझे और इनके अनुरूप काम करे।

शर्मा ने राम मंदिर मुद्दे की ओर इशारा करते हुए कहा कि भाजपा के चुनावी घोषणापत्र में व्यक्त संकल्प सिर्फ कागजों तक सिमटकर न रह जाए। उन्होंने कहा कि पार्टी को इस संकल्प को सड़क पर उतरकर पूरा करने की कोशिश करनी होगी तभी उसे इसका फायदा मिल सकता है।

क्या लोकसभा चुनाव से ऐन पहले राम मंदिर मुद्दे पर वापसी और चुनाव के दौरान वरुण गाँधी के कथित भड़काऊ बयानों से भाजपा को नुकसान हुआ, इस सवाल पर उन्होंने कहा हो सकता है कि उसे इन कारकों से फायदा भी हुआ हो। वैसे अपने चुनावी नफा-नुकसान की समीक्षा तो भाजपा को ही करनी है।

शर्मा ने बेहद तल्ख लहजे में कहा कि यूपीए की चुनावी जीत के बाद चारों तरफ कांग्रेस महासचिव राहुल गाँधी की चर्चा थी लेकिन यह बताने वाला कोई नहीं था कि कभी गुजरात के एक छोटे से रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने वाले नरेंद्र मोदी आज दुनिया के सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री सिद्ध हो रहे हैं।

बहरहाल जब उनसे पूछा गया कि क्या मोदी भाजपा में लालकृष्ण आडवाणी के उत्तम उत्तराधिकारी और बेहतर प्रधानमंत्री भी साबित हो सकते हैं तो उन्होंने कन्नी काट ली। शर्मा ने कहा भाजपा का अगला नेता कौन होगा यह अभी दूर की कौड़ी है। हमारा ऐसी बातों से कभी कोई लेना-देना नहीं रहा।