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Written By ND

पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़

पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ -
बीती रात बड़गाँव क्षेत्र के शीतला मंदिर के पास पुलिस और नक्सलियों के बीच जमकर गोलीबारी हुई। इसमें किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। पुलिस ने बड़गाँव दलम के कमांडर सहित 20-25 नक्सलियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार 4 अप्रैल की रात लगभग 12.20 बजे एसओ के हमराह डीईएफ व सीआरफीएफ के संयुक्त बल रवाना हुए थे तभी बड़गाँव के बड़ेपारा निवासी सुखदेव बिलाम पिता समारू राम 22 वर्ष ने पुलिस बल को बताया कि नक्सलियों ने मुझ पर पुलिस मुखबिर होने का आरोप लगाकर लाठी व डंडे से मारपीट की और शीतला मंदिर के ओर चले गए।

इस पर पुलिस बल सुखदेव को अपने साथ लेकर शीतला मंदिर के पास पहुँचे। इसी समय नक्सलियों ने पहाड़ी की ओर से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई करने पर नक्सली अंधेरे व जंगल की आड़ लेकर भाग गए।

नक्सलियों ने की पंचायत सचिव की हत्या :
आठ दिन पूर्व नक्सलियों ने ग्राम कंदाड़ी के सचिव लक्ष्मीकांत शर्मा 42 वर्ष को अगवा कर लिया था जिसकी बीती रात हत्या कर दी गई।

लक्ष्मीकांत शर्मा की माता जानकी बाई ने बताया कि मेरा पुत्र रोगायो के काम से ग्राम पंचायत के आमाटोला गाँव गया था, जहाँ से वापस नहीं आया। दूसरे दिन पता चला की अज्ञात नक्सलियों ने उसे उठाकर ले गए और आज आठवें दिन बल्लू की लाश छोटे बेठिया मुख्य मार्ग पर मिली है।

इसकी रिपोर्ट बांदे थाना में दर्ज कराई है। बांदे से 15 किमी दूर ग्राम बेठिया में नक्सलियों ने सचिव लक्ष्मीकांत उर्फ बल्लू के सिर पर वार कर उसकी हत्याकर सड़क के बीचों बीच रख दिए और एक पत्र भी छोड़ गए है। जिसमें लिखा है कि 4 अप्रैल 09 को जन अदालत में कंदाड़ी ग्राम पंचायत सचिव को सजा दिया गया। पुलिस मुखबिर जनविरोधी होने के कारण ये सजा दी जा रही है क्योंकि 4 साल पहले भी इसको जनअदालत में समझाया गया और सजा भी दी गई थी। लेकिन उस दिन से आज तक कोई परिवर्तन नहीं आने से फिर वहीं जनता अपने जनअदालत के समक्ष मौत की सजा दे रहे है।

सभी मुखबिरों और जनविरोधी से पार्टी अपील करती है कि आप लोग जनता से मिलजुलकर रहना और जनविरोधी काम छोड़ देना। मृतक के पुत्र आशीष शर्मा ने बताया कि पिता को खोजने गए थे और सात दिन बाद मैं लौटा हूँ। पिताजी के मोटर साइकल का पता नहीं चला है। नक्सलियों ने चार साल पहले जनअदालत में सजा दी थी। चार बार जनविरोधी का अल्टीमेटम दिया और चार अप्रैल को सुबह जनअदालत लगाकर हत्या कर दी।