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Written By वार्ता

'न्यायाधीशों को संपत्ति घोषित करना चाहिए'

''न्यायाधीशों को संपत्ति घोषित करना चाहिए'' -
उच्चतम और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के द्वारा अपनी संपत्ति सार्वजनिक करने के मुद्दे पर छिड़ी राष्ट्रव्यापी बहस के बीच मध्यप्रदेश के पूर्व लोकायुक्त फैजनुद्दीन ने आज कहा कि नैतिकता के चलते न्यायाधीशों को भी अपनी संपत्ति निश्चित रूप से सार्वजनिक करनी चाहिए।

उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश फैजनुद्दीन ने जारी किए एक बयान में कहा कि जब अन्य महत्वपूर्ण पदों पर बैठे व्यक्तियों के लिए संपत्ति सार्वजनिक करना अनिवार्य है तो फिर न्यायाधीशों के मामले में भी कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।

फैजनुद्दीन ने कहा कि इस संवेदनशील मुद्दे पर जब अभूतपूर्व स्थितियाँ उभरकर सामने आ रही हैं और उच्चतम न्यायालय भी किसी दोराहे पर खड़ा प्रतीत होता है। न्यायाधीशों को लोगों का भ्रम दूर करने और नैतिकता के चलते अपनी संपत्ति सार्वजनिक करने के मुददे पर सकारात्मक रुख दिखाना चाहिए।

फैजनुद्दीन के मुताबिक जब वह उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश के पद पर कार्यरत थे तब न्यायाधीशों की संपत्ति सार्वजनिक करने के मसले पर जजों की स्वीकति लेने के लिए उनके बीच वितरित किए गए नोट पर उन्होंने भी पूरी दृढ़ता के साथ दस्तखत किए थे। इसी नोट के आधार पर इस संबंध में सात मई 1997 को प्रस्ताव पारित किया गया था। हालाँकि उस समय वह सेवानिवृत हो चुके थे।

उन्होंने कहा कि वास्तव में यह प्रस्ताव 1996 में ही पारित हो जाना चाहिए था, लेकिन कतिपय कारणों से ऐसा नहीं हो पाया।