Last Modified: इंदौर (भाषा) ,
गुरुवार, 15 जनवरी 2009 (23:06 IST)
एटीएस के खिलाफ अर्जी खारिज
इंदौर की एक अदालत ने गुरुवार को महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) के खिलाफ पेश अर्जी को खारिज कर दिया।
अर्जी में मध्यप्रदेश के दो लोगों ने खुद को एटीएस के कथित जुल्मों-सितम का शिकार बताया था और अदालत से गुहार की थी कि वह प्रदेश पुलिस को संबंधित एटीएस कर्मियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश दे।
इन लोगों के वकील दीपक रावल ने बताया प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट आरके बाथम ने उक्त अर्जी खारिज कर दी। अर्जी भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (तीन) के तहत पेश की गई थी।
रावल ने कहा अर्जी एटीएस के खिलाफ गत 26 नवंबर को दायर दो याचिकाओं के सिलसिले में प्रस्तुत की गई थी। याचिकाकर्ताओं के नाम धर्मेन्द्र बैरागी और दिलीप नाहर हैं, जो क्रमशः मध्यप्रदेश के देवास और इंदौर से ताल्लुक रखते हैं।
दोनों ने आरोप लगाया था कि एटीएस ने उन्हें अवैध तौर पर हिरासत में रखकर प्रताड़ित किया था। साथ ही जान से मारने की धमकी के बल पर मुंबई की एक अदालत में मालेगाँव धमाकों के मामले में झूठे बयान देने पर मजबूर भी किया था।
इन्हें एटीएस ने अक्टूबर में मालेगाँव धमाकों के सिलसिले में शिवनारायण कलसांगरा और श्यामलाल भँवरलाल साहू के साथ इंदौर से हिरासत में लिया था।
कलसांगरा और साहू की धमाकों में भूमिका के आरोप में बाकायदा गिरफ्तारी हुई थी, जबकि बैरागी और नाहर को मामले में कथित गवाही के बाद नवंबर के पहले सप्ताह में छोड़ दिया गया था। बहरहाल इनकी याचिकाओं पर अगली सुनवाई के लिए सात फरवरी की तारीख मुकर्रर की गई है।