Last Modified: भोपाल (भाषा) ,
गुरुवार, 29 जनवरी 2009 (13:28 IST)
महिला कानूनों का दुरुपयोग न हो
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस डीएम धर्माधिकारी ने कहा है कि घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के अच्छे प्रावधान हैं। आवश्यकता इस बात की है इस अधिनियम का दुरुपयोग न हो।
जस्टिस धर्माधिकारी यहाँ महिलाओं के कानूनी अधिकार विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला का आयोजन प्रशासन अकादमी और यूनिसेफ के सहयोग से मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महिला आयोग की अध्यक्ष कृष्णकांता तोमर ने की।
धर्माधिकारी ने कहा कि दहेज प्रताड़ना के विरुद्ध बने अधिनियम और महिला हिंसा से सुरक्षा अधिनियम को ठीक ढंग से लागू करवाने में अशासकीय संगठनों, परिवार परामर्श केन्द्रों और पीड़ित पक्ष को इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि इन अधिनियमों का दुरुपयोग न हो।
उन्होंने कहा कि अन्य स्थिति में इनसे लाभ कम नुकसान ज्यादा होने की आशंका होती है। उन्होंने कहा कि घरेलू हिंसा अधिनियम में पुलिस की भूमिका को लगभग नगण्य कर दिया गया है। इसी प्रकार कुटुम्ब न्यायालयों में भी वकीलों को पैरवी से दूर रखा गया है और इससे न्यायाधीश पर ही दोनों पक्षों की ओर से काउंसलिंग की जिम्मेदारी आ गई है।