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Written By भाषा

हताश हैं बिहारी क्रिकेटर

बिहार झारखंड क्रिकेट एसोसिएशन बीसीसीआई
देश में इन दिनों जहाँ एक तरफ आईपीएल की धूम मची है, वहीं बिहार के खिलाड़ी और क्रिकेट प्रेमी मायूस हैं कि अगर राज्य के किसी भी क्रिकेट संगठन को बीसीसीआई से मान्यता मिली होती तो यहाँ की प्रतिभाएँ भी इस लुभावने ट्वेंटी-20 टूर्नामेंट में शिरकत कर रही होतीं।

बिहार और झारखंड राज्य के बँटवारे (15 नवंबर 2000) से पूर्व बिहार क्रिकेट एसोसिएशन का मुख्यालय जमशेदपुर के केनन स्टेडियम में था और वहीं से राज्य में क्रिकेट गतिविधियों का संचालन होता था।

वर्ष 1935 में गठित बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सदस्यों ने विभाजन के बाद निर्णय लिया कि दो राज्य हो जाने के बाद दोनों जगह अलग-अलग क्रिकेट संगठन होना चाहिए।

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (1935) के सदस्यों ने इस निर्णय के तहत बिहार के लिए एक नए संगठन बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) पटना तथा झारखंड के लिए क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ झारखंड (जेएसी) का गठन किया।

बाद में दोनों संगठनों का सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत पटना और राँची में निबंधन कराया गया। दोनों के गठन की सूचना बीसीसीआई को दी गई। साथ ही यह भी कहा गया कि जब तक दोनों को मान्यता नहीं दी जाती, बीसीए (1935) की पूर्ण सदस्यता को बहाल रखा जाए।

9 मई 2004 को बीसीए (1935) के जमशेदपुर में चुनाव हुए। इसमें बिहार से एक उपाध्यक्ष और तीन कमेटी सदस्य चुने गए। अध्यक्ष झारखंड के अमिताभ चौधरी को बनाया गया।

पंद्रह अगस्त 2004 को तत्कालीन अध्यक्ष ने बिहार के सदस्यों को सूचित किए बिना बीसीए (1935) की बैठक बुलाकर इसका नाम बदलकर झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (जेएससीए) कर दिया।

इस बीच बँटवारे के बाद प्रदेश में बीसीसीआई से मान्यता पाने के लिए कुछ और संगठन अस्तित्व में आ गए, जिसमें राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव का बीसीए, पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ी तथा भाजपा क्रीड़ा मंच के अध्यक्ष कीर्ति आजाद का एसोसिएशन ऑफ बिहार क्रिकेट (एबीसी) और क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार (सीएबी) सहित अन्य संगठन शामिल हैं।

वर्ष 2006 में जब शरद पवार बीसीसीआई के अध्यक्ष बने तो इन क्रिकेट संघों ने इस समस्या के समाधान के लिए उनसे गुहार लगाई। पवार ने इसके बाद अरुण जेटली की अगुआई में कमेटी का गठन किया, लेकिन इस मामले का समाधान नहीं हो पाया। बाद में क्रिकेट संघ अदालत की शरण में चले गए।

इस मामले में उच्चतम न्यायालय में दायर की गई एक विशेष अनुमति याचिका के संदर्भ में न्यायालय के निर्देश पर बीसीसीआई ने चिरायु अमीन एमपी पांडोव और संजय जगदाले वाली एक नई विशेष कमेटी का गठन किया, जिसने अपनी रिपोर्ट इस वर्ष आठ मार्च को न्यायालय को सौंप दी।

कमेटी ने कहा कि पुराना बिहार क्रिकेट एसोसिएशन, जिसका मुख्यालय जमशेदपुर के केनन स्टेडियम में था और जिसका नाम बाद में बदलकर झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन कर दिया गया है, ही बीसीसीआई का स्थाई सदस्य है।