Last Modified: नई दिल्ली (भाषा) ,
शुक्रवार, 25 जनवरी 2008 (18:09 IST)
बुकानन ने ऑस्ट्रेलिया का पक्ष लिया
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कोच जॉन बुकानन को विश्व चैम्पियन के आक्रामक रवैये में कुछ भी गलत नहीं लगता और उनका मानना है कि भारतीय टीम को सिडनी में हुए घटनाक्रम के लिए पहले से तैयार होना चाहिए था।
'द वीक' के ताजा अंक में बुकानन ने साक्षात्कार में कहा ऑस्ट्रेलिया में हम लोगों का परीक्षण करते हैं और देखते हैं कि उनकी प्रतिक्रिया क्या होगी, इसलिये हम लोगों को पहचान कर उन्हें अच्छी बुरी या ठीक ठाक तय करते हैं।
उन्होंने कहा अगर कोई इतना बढ़िया नहीं है तो हम उन्हें ज्यादा तंग करते हैं। इसी तरह से ऑस्ट्रेलियाई टीम काम करती है। मैं उम्मीद करूँगा कि भारतीय इस बात को समझेंगे क्योंकि मौजूदा टीम के कई खिलाड़ी यहाँ एक या दो बार पहले भी आ चुके हैं।
बुकानन ने कहा उन्हें अपनी टीम को बता देना चाहिए था कि प्रतिद्वंद्वी टीम मैदान और इसके बाहर कैसे काम करती है। सिडनी टेस्ट में अंपायरों के गलत फैसलों का विवाद छाया रहा, जिसमें हरभजनसिंह और एंड्रयू साइमंड्स के बीच नस्लीय टिप्पणी का मामला भी सामने आया था।
इसके बाद ऑस्ट्रेलिया की अति आक्रामक रवैये की आलोचना हुई थी। इस विवाद ने भारत दौरे पर भी सवाल उठा दिए थे। फिर आईसीसी ने इसे सुलझाने के मद्देनजर दोनों टीमों के बीच शांति लाने के लिए एक मध्यस्थ रखा था।
लेकिन बुकानन का मानना है कि यह एक मामूली का मुद्दा था लेकिन इससे मीडिया ने बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया। उन्होंने कहा ज्यादातर ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी क्रिकेट खेलने में आक्रामक रवैया अपनाते हैं। हालाँकि मुझे लगता है कि मीडिया ने आक्रामकता और नस्ली विवाद को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया।