मंगलवार, 4 फ़रवरी 2025
  • Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. »
  3. क्रिकेट
  4. »
  5. समाचार
Written By भाषा
Last Modified: कराची (भाषा) , शुक्रवार, 18 जुलाई 2008 (20:23 IST)

बीसीसीआई बदले तो बन सकती है बात

बीसीसीआई बदले तो बन सकती है बात -
पाकिस्तान के ऑलराउंडर अब्दुल रज्जाक का मानना है कि जब तक बीसीसीआई इंडियन क्रिकेट लीग (आईसीएल) के प्रति अपने रवैए में नरमी नहीं लाता, कोई भी अन्य क्रिकेट बोर्ड बागी खिलाड़ियों पर अपना रवैया नहीं बदलेगा।

एक क्रिकेट वेबसाइट को दिए साक्षात्कार में रज्जाक ने कहा कि बीसीसीआई अपनी 'मनी पॉवर' के कारण विश्व क्रिकेट में दबदबा रखता है। एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) और आईसीसी दोनों जानते हैं कि अभी भारत उनके लिए बहुत राजस्व जुटा रहा है, इसलिए भारत जो भी फैसला करेगा, वे उसे मानेंगे।

उन्होंने कहा आईसीएल खिलाड़ियों के प्रति पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का रवैया शीर्ष स्तर पर बदलाव के बाद ही आएगा। यह प्रतिबंध बीसीसीआई के कहने या पीसीबी अधिकारियों में बदलाव के बाद ही समाप्त हो पाएगा।

रज्जाक को पिछले साल जब पाकिस्तान की ट्वेंटी-20 विश्व कप टीम से हटाया गया, उस वक्त आईसीएल से जुड़ने वाले पहले खिलाड़ी थे। इसके बाद भले ही उन्होंने अपना संन्यास वापस ले लिया, लेकिन उन्हें और आईसीएल से जुड़े अन्य खिलाड़ियों पर सभी तरह की क्रिकेट में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया गया।

रज्जाक ने कहा इंग्लैंड में सभी कानून की निगाह में समान है, लेकिन पाकिस्तान में ऐसा नहीं है। आप सरकार या पीसीबी जैसी सरकारी संस्थाओं को चुनौती नहीं दे सकते। अदालतें सरकार से जुड़ी होती हैं और पीसीबी भी उससे जुड़ा है तो ऐसे में कोई दूसरे के खिलाफ क्यों फैसला देगा। इस तरह की चीजें पाकिस्तान में सफल नहीं हो सकती।

पाकिस्तान की तरफ से 46 टेस्ट और 231 एकदिवसीय मैच खेलने वाले रज्जाक ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय टीम की तरफ से खेलने की आशा नहीं छोड़ी है। उन्हें आईसीएल से जुड़ने का खेद भी नहीं है।

उन्होंने कहा आईसीएल अनुबंध का मतलब यह नहीं है कि मैं ट्वेंटी-20 विश्व कप 2009 में निश्चित तौर पर नहीं खेल पाऊँगा। यह संभव है। रज्जाक को आशा है पीसीबी एक दिन इंग्लैंड की तरह आईसीएल खिलाड़ियों से प्रतिबंध हटा देगा।