चयनकर्ताओं को 'कठपुलियों का समूह' कहने वाले श्रीलंका के पूर्व कप्तान मर्वन अट्टापटु के खिलाफ कड़े कदम उठाने का संकेत देते हुए टीम प्रबंधन ने कहा कि इस बल्लेबाज को ऑस्ट्रेलियाई दौरे के बीच से ही स्वदेश भेजा जा सकता है।
श्रीलंकाई टीम के मैनेजर श्रेयन समररत्ने ने यहाँ खेले जा रहे पहले क्रिकेट टेस्ट मैच के चौथे दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा कि चयनकर्ताओं के खिलाफ इस तरह की टिप्पणी करने की वजह से श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड सख्त कदम उठा सकता है।
उन्होंने कहा कि बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी इस मामले पर विचार-विमर्श के बाद एक या दो दिन में मुझे फोन करके बताएँगे कि इस मामले में क्या करना है। टीम मैनेजर के इस बयान के बाद अट्टापटु को ऑस्ट्रेलियाई दौरे से वापस भेजने की अटकलें तेज हो गई हैं।
लगभग एक वर्ष से लगातार नजरअंदाज किए जाते रहे अट्टापटु को ऑस्ट्रेलिया के मुश्किल दौरे पर भी शुरूआत में शामिल नहीं किया गया था, लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप के बाद उन्हें टीम में शामिल किया गया। उन्होंने श्रीलंका की पहली पारी में 51 रन की बढ़िया पारी खेलकर अपने चयन को सही साबित किया।
लेकिन शनिवार को उन्होंने ब्रिसबेन टेस्ट के तीसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद हुये संवाददाता सम्मेलन में श्रीलंकाई चयनकर्ताओं को कठपुतलियों का समूह कहकर नया विवाद खडा कर दिया।
उन्होंने कहा था कि श्रीलंकाई क्रिकेट फिलहाल उस दिशा में नहीं जा रहा है जिधर इसे जाना चाहिए। चयन प्रक्रिया को सही तरीके से नहीं संभाला गया है। दरअसल यह कठपुतलियों का समूह है जिसका अगुआ एक जोकर है।
इससे पहले भी उनका चयन समिति के प्रमुख असंता डि मेल से टकराव हो चुका है। एक समय श्रीलंकाई टीम के संकटमोचक कहे जाने वाले इस बल्लेबाज को दो साल बाद मौजूदा टेस्ट में खेलने का मौका मिल सका है।
इसके अलावा उन्हें गत मार्च-अप्रैल में हुए विश्व कप के दौरान भी टीम में रहने के बावजूद एकादश में नहीं शामिल किया गया।