सेबी के पूर्व अध्यक्ष एम. दामोदरन ने सत्यम मामले में आंध्रप्रदेश पुलिस के रवैये की आलोचना की है। उन्होंने आज कहा कि कंपनी के संस्थापक रामलिंगा राजू तथा अन्य अधिकारी वास्तव में संरक्षित हिरासत में हैं।
बाजार नियामक सेबी के इस पूर्व शीर्ष अधिकारी ने सत्यम घपले में पुलिस के रवैये पर सवालिया निशान खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि अदालत द्वारा राजू को न्यायिक हिरासत में भेजा तो पुलिस ने कोई ठोस प्रतिवाद नहीं किया।
यहाँ आईआईएम में एक संगोष्ठी के दौरान उन्होंने कहा कि वास्तव में पुलिस ने उन्हें (राजू एवं उनके भाई रामा राजू) खुशी-खुशी न्यायिक हिरासत में जाने दिया ताकि सेबी को उनसे पूछताछ के लिए अदालत की अनुमति लेनी पड़े।
सेबी की जाँच टीम ने राजू बंधुओं से पूछताछ के लिए मजिस्ट्रेट से आज्ञा माँगी तो उसकी याचिका तकनीकी आधार पर खारिज कर दी गई। आंध्रप्रदेश उच्च न्यायालय ने भी शुरुआती राहत नहीं दी और बाजार नियामक को अंततः उच्चतम न्यायालय जाना पड़ा।
दामोदरन ने सवाल उठाया कि जब राज्य ने ही संरक्षित हिरासत देने का फैसला कर लिया हो तो न्याय अपना काम कैसे करेगा।