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Written By WD

लेहमैन की भारतीय इकाइयों पर विदेशी बैंकों की नजर

लेहमैन की भारतीय इकाइयों पर विदेशी बैंकों की नजर -
-वेबदुनिया डेस्क

अमेरिका में दिवालिएपन की अर्जी दे चुकी लेहमैन ब्रदर्स होल्डिंग्स की भारतीय संपत्तियों को खरीदने के लिए कई विदेशी बैंकों की नजर है। भारतीय स्टेट बैंक, फ्रांसीसी बैंक बीएनपी परिबा, अमेरिका का स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, ब्रिटिश बैंक बार्कलेज, क्र‍ेडिट सुइस के अलावा अन्य निजी इक्विटी कंपनियाँ भी मैदान में हैं।

उल्लेखनीय है कि लेहमैन के भारतीय कामकाज को एशियाई कारोबार से अलग आँका जा रहा है। इस कारण से कंपनी के पवई स्थि‍त कार्यालय पर क्र‍ेडिट सुइस, बार्कलेज और पीई फर्म की नजर है। लेहमैन के इस कार्यालय में बीपीओ, केपीओ और कैप्टिव इकाई शामिल हैं।

लेहमैन के भारतीय कारोबार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अगले हफ्ते तक लेहमैन का 3300 करोड़ का भारतीय कामकाज दूसरी कंपनियों के हाथ में आ जाएगा। दिवालिया कंपनी ने करीब 700 से 800 करोड़ का निवेश सुनियोजित परियोजनाओं में किया है। ऐसे सौदे के जोखिम की जिम्मेदारी सह गारंटर पर भी होती है, जिससे नुकसान का खतरा कम हो जाता है।

लेहमैन के भारतीय कामकाज की खरीदी में रिजर्व बैंक का कोई सीधा हस्तक्षेप नहीं है, लेकिन यह विभिन्न कंपनियों के मध्य मध्यस्थता की भूमिका निभा रहा है, ताकि संपत्तियों का मूल्यांकन सही तरीके से हो सके और हस्तांतरण में भी कोई बाधा न आए।

हालाँकि फ्रांसीसी बैंक बीएनपी परिबा और ब्रिटिश बैंक बार्कलेज इस सौदे को अपने तरीके से निपटाना चाहते हैं, क्योंकि इनकी नजर लेहमैन की निवेश बैंकिंग इकाई पर लगी हुई है। मुंबई के पवई स्थित कामकाज को खरीदने के लिए क्रेडिट सुइस और बार्कलेज का समझौता हुआ है और जल्दी ही स्थिति साफ हो जाएगी कि किसके साथ मिलकर कौन-सी कंपनी क्या-क्‍या लेने के लिए सक्रिय है।

लेहमैन के वर्ली स्थित कार्यालय को भी खरीदार चाहिए और इसको खरीदने में बार्कलेज की पर्याप्त दिलचस्पी है। हालाँकि यह अभी तक तय नहीं है कि बार्कलेज वर्ली स्थित कार्यालय को खरीदेगी ही।