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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , शुक्रवार, 31 जनवरी 2014 (18:00 IST)

एफएए ने घटाई भारत की विमानन सुरक्षा रेटिंग

एफएए ने घटाई भारत की विमानन सुरक्षा रेटिंग -
नई दिल्ली। अमेरिका के संघीय विमानन प्रशासन (एफएए) ने भारत की विमानन सुरक्षा रेटिंग सबसे ऊपरी श्रेणी से घटाकर दूसरी श्रेणी में डाल दी है। इससे भारतीय विमानन कंपनियों की अमेरिका में उड़ानों के विस्तार पर असर पड़ेगा।

रेटिंग घटाकर श्रेणी एक से दो में किए जाने का मतलब है कि भारतीय विमानन नियामक, संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ‘इंटरनेशनल सिविल एविएशन आर्गनाइजेशन’ द्वारा तय सुरक्षा मानकों को पूरा नहीं करता।

सूत्रों के अनुसार एफएए के निर्णय से नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को शुक्रवार सुबह अवगत करा दिया गया।

एफएए द्वारा भारत की सुरक्षा रैंकिंग घटाए जाने से एयर इंडिया तथा जेट एयरवेज अमेरिका के लिए उड़ानों की संख्या नहीं बढ़ा पाएंगी या अमेरिकी विमानन कंपनियों के साथ नया कोड साझा समझौता नहीं हो पाएगा।

हालांकि इसका यह मतलब नहीं है कि ये एयरलाइंस असुरक्षित हैं लेकिन यह बताता है कि डीजीसीए की सुरक्षा निगरानी व्यवस्था भारतीय विमानन कंपनियों के सुरक्षा मानकों पर नजर रखने के लिए संभवत: पर्याप्त नहीं है।

रेटिंग घटाए जाने से बचने के लिए भारतीय विमानन नियामक ने हाल में कई कदम उठाए हैं। इसमें ज्यादा से ज्यादा पेशेवरों तथा तकनीकीविदों को नियुक्त करना आदि शामिल हैं।

अमेरिकी विमानन नियामक को सौंपी स्थिति रिपोर्ट में डीजीसीए ने कहा था कि उसने एफएए द्वारा उठाए गए 33 से अधिक सुरक्षा मुद्दों पर उसकी चिंता दूर की है।

इससे 1 दिन पहले मंत्रिमंडल ने नागर विमानन मंत्रालय के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी जिसमें डीजीसीए को 75 अनुभवी पेशवेर तथा तकनीकी कर्मचारी सीधे बाजार से लेने की बात कही गई थी।

सूत्रों के अनुसार इन कदमों का मकसद एफएए की समयसीमा को पूरा करना था। एफएए ने पिछले साल सितंबर और दिसंबर में विमानन सुरक्षा ऑडिट किया था और डीजीसीए से कमियों को दूर करने को कहा था। (भाषा)