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Written By भाषा
Last Modified: जिनेवा , गुरुवार, 29 नवंबर 2012 (00:12 IST)

वर्ष 2012 में अपने चरम पर रहा मौसम

वर्ष 2012 में अपने चरम पर रहा मौसम -
संयुक्त राष्ट्र की मौसम एजेंसी का कहना है कि वर्ष 2012 को मौसम की चरम परिस्थितियों और आर्कटिक का बर्फ पिघलने के लिए जाना जाएगा।

पूरे वर्ष में अपने हर रूप में मौसम चरम पर रहा, लू चली, सूखा पड़ा, बाढ़ आई और उन सबसे ज्यादा तूफानों ने खूब कोहराम मचाया। विश्व मौसम-विज्ञान संस्था (डब्ल्यूएमओ) के प्रमुख माइकल जरौद ने एक बयान में कहा, हमारी आंखों के सामने जलवायु परिवर्तन हो रहा है और वह चलता ही रहेगा।

विश्व मौसम-विज्ञान संस्था का कहना है कि वर्ष 1850 के बाद जनवरी से अक्‍टूबर 2012 तक का समय सबसे गर्म रहने की सूची में नौवें स्थान पर है। वर्ष 1850 से ही मौसम को रिकॉर्ड रखा जा रहा है। (भाषा)