शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. »
  3. समाचार
  4. »
  5. अंतरराष्ट्रीय
Written By भाषा

7 साल बाद हुआ भारतीय जोड़े का इसराइल में मिलन

7 साल बाद हुआ भारतीय जोड़े का इसराइल में मिलन -
FILE
यरुशलम। 7 साल पहले अलग हुए एक भारतीय जोड़े का इसराइल में भावनात्मक पुनर्मिलन हुआ। अपनी सगाई के समय से ही अलग हुए इस युगल का मिलन मणिपुर के ब्नेई मेनाशी यहूदी समूह द्वारा एडना को यहां भेजे जाने से संभव हुआ।

एडना नाम की युवती का मंगेतर गैमलिएल 2007 में इसराइल चला गया था। उससे दुबारा मिलने के लिए एडना को 7 वर्ष इंतजार करना पड़ा। इसके पीछे वजह गैमलिएल के आने के तुरंत बाद उस समय के प्रधानमंत्री एहुद ओल्मर्ट की सरकार द्वारा उसके समुदाय के इसराइल आने पर पाबंदी लगा देना थी।

वह अपने मंगेतर से गुरुवार को तब मिली, जब मणिपुर से मेनाशी कबीले के 40 यहूदियों का एक जत्था इसराइल पहुंचा। यह उन 250 अप्रवासियों की पहली खेप है, जो कई अन्य लुप्त कबीलों से संबंध रखते हैं और आने वाले महीने में इसराइल पहुंचेंगे।

शावेई इसराइल के अध्यक्ष माइकल फ्रेउंड ने बेन गूरियन हवाई अड्डे पर पत्रकारों से कहा कि हम गैमलिएल को 2007 में ही ले आए थे और अगली खेप में एडना को भी आना था लेकिन उसी समय ओल्मर्ट सरकार ने एडना के समुदाय के आव्रजन को बंद कर दिया और 2012 में यह पुन: प्रारंभ हुआ। शावेई इसराइल लुप्त हुए इसराइली कबीलों की यहूदी देश वापसी के लिए आगे रहकर काम करने वाला एक प्रमुख समूह है।

मेनाशियों को मनास्सीह कबीले का वंशज माना जाता है। यह 2,700 साल पहले किंग सोलोमन की मृत्यु के बाद असीरिया साम्राज्य द्वारा निष्कासित किए गए 10 लुप्त कबीलों में से एक है।

फ्रेउंड ने कहा कि उसने (एडना) गैमलिएल को 7 साल में पहली बार पुनर्मिलन के समय देखा। उस वक्त वे दोनों काफी भावुक हो गए थे। भारत के पूर्वोत्तर के यहूदियों की, जो कि आमतौर पर ब्नेई मेनाशी कबीले से संबंधित हैं, की इसराइल वापसी को 2012 में पुन: शुरू किया गया।

2012 में इसराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनयाहू के सलाहकार रहे फ्रेंउंड उन्हें (नेतनयाहू) और सरकार को इस प्रक्रिया के दुबारा शुरू करने के लिए मनाने में सफल रहे।

शावेई को पिछले साल अक्टूबर में इसराइल सरकार की ओर से भारत के पूर्वोत्तर में रह रहे 900 यहूदियों को 2015 तक इसराइल लाने की अनुमति मिली। इस साल की शुरुआत में शावेई समूह द्वारा 160 ब्नेई मेनाशी समुदाय के लोगों को मिजोरम से इसराइल लाया गया था।

सेफार्डी के प्रमुख रब्बी श्लोमो अमार ने 2005 में ब्नेई मेनाशी की पहचान मेनाशी के वंशजों के रूप में की थी और उनकी इसराइल वापसी के द्वार खोले थे। वर्तमान में 2,200 के करीब ब्नेई समुदाय के लोग इसराइल में रहते हैं जबकि 7,000 से भी ज्यादा अभी भी मणिपुर और मिजोरम में अपने वतन भेजे जाने का इंतजार कर रहे हैं। (भाषा)