न आए असमय ऊपर जाने का वक्त
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महेंद्र साँघी वेबू : काका मुंबई पर आतंकवादी हमला हो गया। सैकड़ों लोग मारे गए, आपको कैसा लग रहा है। काका- क्यों रे वेबू, तू क्या टीवी रिपोर्टर बन गया रे? वेबू : नहीं काका मैं मजाक नहीं कर रहा। वाकई में जानना चाहता हूँ कि क्या मेरी तरह आपका खून भी खौल रहा है या नहीं। काका - नहीं वेबू मेरा खून रोज जैसा ही है। वेबू : काका इतनी बड़ी घटना हो जाने के बाद भी खून का न खौलना देशद्रोह नहीं है।