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मिल्खा सिंह का नाम भारत के महान एथलीट्स में लिया जाता है और उन पर राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने ‘भाग मिल्खा भाग’ फिल्म बनाई है। फिल्म की स्क्रिप्ट से मिल्खा सिंह इतने खुश हुए कि उन्होंने मात्र एक रुपया लेकर अपनी जिंदगी पर फिल्म बनाने की इजाजत दे दी। फरहान के लुक और अभिनय से भी मिल्खा बेहद प्रभावित हुए।
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फिल्म का नाम मिल्खा के पिता द्वारा बोले गए आखिरी शब्दों से लिया गया है। भारत के विभाजन के दौरान जब दंगे भड़के थे, तब मिल्खा का परिवार भी इससे प्रभावित हुआ था। दंगाइयों से बचने के लिए मिल्खा के पिता ने मिल्खा को कहा था ‘भाग मिल्खा भाग’।
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इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे मिल्खा ने अपना बचपन खोया, बेघर हुए, कुछ अपराध किए, एक युद्ध झेला और तमाम विपरीत परिस्थितियों से जूझते हुए खेल के मैदान पर चमकदार कामयाबी की। मिल्खा सिंह के जीवन से ये दिखाने की कोशिश की गई है कि चुनौती से पार पाना हो तो उससे भागने की बजाय उससे निपटना आसान होता है।