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shiva aarti
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Lal Kitab Rashifal 2025: मेष राशि 2025 का लाल किताब के अनुसार राशिफल और साढ़ेसाती के अचूक उपाय
Aries zodiac sign Mesh Rashi lal kitab 2025 : 29 मार्च 2025 से शनि आपके 11वें भाव से निकलकर 12वें भाव में गोचर करेंगे तब आप पर शनि की साढ़ेसाती का समय प्रारंभ होगा लेकिन 30 वर्षों के बाद कुंडली में ऐसी स्थिति बन रही है कि शनि आपका बाल भी बांका नहीं कर पाएंगे। क्योंकि इसी दौरान 14 मई से आप पर गुरु की विशेष कृपा बरसने वाली है। गुरु आपके दूसरे भाव से निकलकर तीसरे भाव में गोचर करेगा जो शनि को काबू में रखेगा। दूसरी ओर 11वें भाव में राहु के गोचर के कारण आप मालामाल हो जाएंगे। पंचम का केतु आपके जीवन में सुख और शांति लाएगा। यदि आप शनि के मंदे कार्य नहीं करते हैं तो ये मानकर चलिए कि आने वाले 5 साल आपके अब तक के जीवन के सबसे श्रेष्ठ साबित होंगे। इसलिए जानिए विस्तार से लाल किताब का वार्षिक भविष्यफल और अचूक उपाय।
कुंभ राशि में शुक्र और शनि की युति से वर्ष 2025 में होगा कमाल, 5 राशियां हो जाएंगी मालामाल
Venus and Saturn conjunction in Aquarius: राशि चक्र की ग्यारहवीं राशि कुंभ में शुक्र ग्रह का शनि के साथ संयोग शुभ है क्योंकि शुक्र एक योगकारक ग्रह हैं और शनि देव के साथ मित्रता होने की वजह से वह इस राशि में अनुकूल स्थिति में होते हैं। शुक्र और शनि को वैदिक ज्योतिष में परममित्र माना जाता है. इनकी युति से आर्थिक मामलों में शुभ परिणाम मिलते हैं। शुक्र और शनि की युति से व्यक्ति को मेहनत का फल मिलता है। ऐसे में कुंभ सहित 5 राशियों के लिए नए वर्ष की शुरुआत शुभ समय से होगी।
वर्ष 2025 में 16 प्रमुख हिंदू व्रत त्योहारों की सही दिनांक जानिए
2025 Festival Dates: भारत त्योहारों का देश हैं। यह मान्यता और परंपराओं के लिए जाना जाता है। ये त्योहार हिंदू धर्म तथा धर्मावलंबियों के लिए बहुत महत्व रखते हैं। यहां सभी त्योहार बड़े ही उत्साह और खुशियों के साथ मनाते हैं। आपको बता दें कि हिंदू कैलेंडर का पहला महीना चैत्र माह से शुरू होता है, और माघ पर समाप्त होता है। यहां जानें पंचांग कैलेंडर के अनुसार वर्ष 2025 में आने वाले प्रमुख हिंदू व्रत-त्योहार की लिस्ट के बारे में...
Dhanu sankranti : धनु संक्रांति से देश और दुनिया में क्या परिवर्तन होंगे?
Dhanu sankranti 2024 falam: सूर्य देव 15 दिसंबर 2024 से 14 जनवरी 2025 के बीच धनुराशि में रहेंगे तब तक मलमास रहेगा। सूर्य के धनु राशि में जाने को धनु संक्रांति कहते हैं। ज्योतिष मान्यता के अनुसार प्रत्येक संक्रांति का अलग अलग प्रभाव होता है। धनु संक्रांति का भी अलग प्रभाव होकर इसका अलग फल मिलेगा। मीन और धनु संक्रांति के दौरान मलमास यानी खरमास रहता है। इस दौरान सभी तरह के मांगलिक शुभ कार्य बंद रहते हैं। मलमास में नामकरण, विद्या आरंभ, कर्ण छेदन, अन्न प्राशन, उपनयन संस्कार, विवाह संस्कार, गृहप्रवेश तथा वास्तु पूजन आदि मांगलिक कार्यों को नहीं किया जाता है।
बुध वृश्चिक राशि में मार्गी, 3 राशियों को मिलेगा लाभ
Budh Margi 2024: मिथुन और कन्या राशि के स्वामी बुध ग्रह वाणी, व्यापार, संबंध और उन्नति देने वाले हैं। 11 दिसंबर को बुध ग्रह वृश्चिक राशि में उदय हुए थे और अब वे इसी राशि में 16 दिसंबर को मार्गी हो गए है। बुध के मार्गी गोचर से 3 राशियों को जबरदस्त लाभ होगा क्योंकि वर्तमान में बुध ग्रह अपनी उच्च राशि कन्या से निकलकर मंगल की राशि वृश्चिक में गोचर कर रहे हैं।
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धर्म संसार
पौष मास हो गया है शुरू, जानिए इसका महत्व और कथा
Paush Month: हिन्दू पंचांग कैलेंडर के अनुसार इस बार वर्ष 2024 में पौष का पवित्र महीना 16 दिसंबर से शुरू हो गया है। यह महीना धार्मिक दृष्टि से बहुत ही महत्व का तथा इस अवधि में सूर्य आराधना तथा स्नान और दान का विशेष महत्व है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण कहा गया है।
महाकुंभ 2025: कौन होते हैं नागा साधु, जानिए क्या है इनके अद्भुत जीवन का रहस्य?
Mahakumbh 2025: महाकुंभ मेला सनातन धर्म का सबसे बड़ा आयोजन है, जो हर 12 साल में प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में आयोजित किया जाता है। इसमें संत-महात्मा, साधु-संतों के साथ करोड़ों श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान करने आते हैं। महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में होने वाला है, जहां नागा साधुओं की उपस्थिति श्रद्धालुओं के लिए मुख्य आकर्षण होती है। नागा साधुओं का अद्भुत और रहस्यमयी जीवन हमेशा चर्चा में रहता है। जानें क्यों नागा साधु संगम से विशेष लगाव रखते हैं और इनके जीवन में तपस्या का क्या महत्व है।
Mahakumbh 2025: क्या होता है कुम्भ में शाही स्नान का महत्व, जानिए 12 साल बाद होने वाले स्नान पर्व आयोजन से जुड़ी सभी जानकारी
Mahakumbh 2025 : महाकुंभ भारत की सबसे भव्य धार्मिक परंपरा है, जिसका आयोजन 12 साल में एक बार होता है। इस बार महाकुंभ 2025 का आयोजन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होगा। इस महापर्व की शुरुआत 13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा स्नान से होगी और समापन 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के अंतिम स्नान के साथ होगा।
Aaj Ka Rashifal: क्या कहती है आपकी राशि, जानें 18 दिसंबर का भविष्यफल
Today 18 December 2024 horoscope in Hindi : आज 18 दिसंबर 2024, बुधवार का दिन क्या लाया है मेष से लेकर मीन राशि के लिए, यहां जानें डेली होरोस्कोप के अनुसार वेबदुनिया पर दैनिक राशिफल के बारे में एकदम सटीक जानकारी...
महाकाल मंदिर में 1 अरब 65 करोड़ का दान, पेटियों में 399 किलो चांदी और 1533 ग्राम सोने का चढ़ावा
Mahakal temple Ujjain: महाकाल लोक (Mahakal Lok) बनने के बाद महाकाल मंदिर (Mahakal temple) में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। महाकाल के भक्त दिल खोलकर दान भी कर रहे हैं। श्रद्धालुओं ने महाकाल मंदिर को मालामाल कर दिया है। खबरों के मुताबिक महाकाल मंदिर की पेटियों में 399 किलो चांदी और 1533 ग्राम सोने का चढ़ावा आया है।