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shiva aarti
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भगवान शिव की पौराणिक आरती : जय गिरिजाधीशा
* भोलेशंकर की पावन आरती
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Chhath Puja katha: छठ पूजा की 4 पौराणिक कथाएं
Chhath Maiya Katha : 7 नवंबर 2024 को छठ पूजा का महापर्व प्रारंभ रहेगा। छठ पर्व के 4 दिनों के महोत्सव में व्रत रखकर षष्ठी देवी यानी छठ मैया और सूर्य देव की उपासना की जाती है। इस दौरान छठी माता के गीत गाए जाते हैं और व्रत कथा सुनी जाती है।
शुक्र के धनु में गोचर से 4 राशियों को मिलेगा धनलाभ
Shukra ka dhanu rashi me gochar 2024: 07 नवंबर 2024 की सुबह 03 बजकर 21 मिनट पर शुक्र ग्रह बृहस्पति की राशि धनु राशि में प्रवेश कर जाएगा। शुक्र ग्रह यदि शुभ है तो यह जीवन में सुख, समृद्धि, वैभव और ऐश्वर्य को देता है। कला और संस्कृतिक से जुड़े लोगों को फायदा होता है। धनु राशि में शुक्र का गोचर प्रभाव 4 राशियों के लिए सकारात्मक रहेगा। जानिए शुक्र का धनु में फल।
कौन हैं छठी मैया? जानिए भगवान कार्तिकेय से क्या है संबंध?
Chhat Puja 2024 : छठी मैया हिंदू धर्म में एक पूजनीय देवी हैं, जिनकी पूजा विशेष रूप से बिहार, झारखंड, और उत्तर प्रदेश में छठ पूजा के दौरान होती है। यह पर्व सूर्य देवता और छठी मैया की आराधना के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि छठी मैया सूर्य की बहन हैं, जो संतान, स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
छठी मैया के पूजन में मूली से लेकर कद्दू तक, जरूर शामिल की जाती हैं ये सब्जियां
Chhath Puja Samagri in Hindi : छठ पूजा एक प्रमुख भारतीय त्यौहार है, जिसमें सूर्य देवता और छठी मैया की पूजा की जाती है। इस पूजा में विशेष प्रकार की सब्जियों और फलों का उपयोग किया जाता है, जो धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखते हैं। इस लेख में जानिए, छठ पूजा में किन-किन सामग्रियों का प्रयोग करना आवश्यक होता है।
महाभारत में कर्ण और कुंती ने की थी छठ पूजा, जानिए छठ पूजा का इतिहास और महत्व
Chhath Puja 2024 : छठ पूजा हिंदू धर्म की एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो सूर्य देव और छठी मैया की उपासना के लिए मनाई जाती है। यह पर्व विशेष रूप से बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के लोगों के बीच प्रचलित है। छठ पूजा का उल्लेख महाभारत के काल में भी मिलता है, जब कर्ण और उनकी माता कुंती ने सूर्य देव की उपासना के लिए इस पूजा को सम्पन्न किया था। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे महाभारत की इस कथा में कर्ण और कुंती ने छठ पूजा की, और इसका क्या महत्व था।
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Dev Uthani Ekadashi 2024 Date: 4 शुभ योग में मनाई जाएगी देव उठनी एकादशी, अक्षय पुण्य की होगी प्राप्ति
Dev uthani ekadashi vrat ke fayde 2024: दिवाली के बाद छठ पूजा और उसके बाद देव उठनी एकादशी रहती है। इस दिन के बाद से शुभ और मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं। इस बार यह देवउठनी एकादशी 12 नवंबर 2024 मंगलवार को रहेगी। 13 नवंबर को पारण (व्रत तोड़ने का) समय प्रात: 06:42 से 08:51 के बीच रहेगा। इस दिन 4 शुभ योग सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, हर्षण योग, शिववास योग भी रहेंगे। उत्तर भाद्रपद नक्षत्र का संयोग बन रहा है। साथ ही बव करण का भी निर्माण हो रहा है।
06 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन
06 November Happy Birthday: जन्मदिन की शुभकामनाओं के साथ आपका स्वागत है वेबदुनिया की विशेष प्रस्तुति में। यह कॉलम नियमित रूप से उन पाठकों के व्यक्तित्व और भविष्य के बारे में जानकारी देगा जिनका उस दिनांक को जन्मदिन होगा। पेश है दिनांक 06 को जन्मे व्यक्तियों के बारे में जानकारी...
Chhath Puja 2024 : छठ पूजा का दूसरा दिन खरना, जानिए इस दिन के मुहूर्त और रीति रिवाज
2 day Chhath Puja 2024 Kharna: छठ पूजा इस बार 5 नवंबर 2024 से 8 नवंबर 2024 तक चलेगा। ठ पूजा के चार दिनी उत्सव में पहला दिन नहाय खाय और दूसरा दिन खरना का होगा है। पहले दिन निर्जला व्रत रखकर साफ सफाई करते हैं और शाम को शुद्ध सात्विक भोजन करते हैं। इसके बाद दूसरे दिन खरना का पर्व मनाते हैं। इसमें पूरे दिन व्रत रखकर शाम को विशेष प्रकार के भोजन का सेवन करते हैं।
06 नवंबर 2024, बुधवार के शुभ मुहूर्त
Subh kary ke Muhurat : आज आपका दिन मंगलमयी रहे, यही शुभकामना है। 'वेबदुनिया' प्रस्तुत कर रही है खास आपके लिए आज के दिन के विशिष्ट मुहूर्त। अगर आप आज वाहन खरीदने का विचार कर रहे हैं या आज कोई नया व्यापार आरंभ करने जा रहे हैं...
Chhath Puja 2024 Date Time: कितने दिन का त्योहार है छठ पूजा? कौनसे दिन क्या करते हैं?
Chhath Puja 2024 Start And End Date: छठ पूजा इस बार 5 नवंबर 2024 से 8 नवंबर 2024 तक चलेगा। छठ पूजा मुख्य रूप से लोकपर्व है जो उत्तर भारत के राज्य पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के लोग ही मनाते हैं। यहां के लोग देश में कहीं भी हो वे छठ पर्व की पूजा करते हैं। छठ पूजा में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा का प्रचलन और सूर्य अर्घ्य देने का विधान है। छठ पूजा व व्रत का प्रारंभ हिन्दू माह कार्तिक माह के शुक्ल की चतुर्थी तिथि से होता है और षष्ठी तिथि को कठिन व्रत रखा जाता है तथा दूसरे दिन सप्तमी को इसका पारण होता है। दरअसल, छठ पूजा 4 दिनों तक चलने वाला पर्व है जिसकी शुरुआत कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से होती है और कार्तिक शुक्ल सप्तमी को इस पर्व का समापन होता है। आओ इन चार दिनों में क्या खास करते हैं।