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Last Modified: रायपुर , शुक्रवार, 30 दिसंबर 2016 (19:09 IST)

साल 2016 : छत्तीसगढ़ के लिए उथल-पुथल भरा रहा वर्ष

साल 2016 : छत्तीसगढ़ के लिए उथल-पुथल भरा रहा वर्ष - Chhattisgarh big  news in 2016
रायपुर। छत्तीसगढ़ में वर्ष 2016 राजनीतिक उथल-पुथल के लिए जाना जाएगा। राज्य में जहां मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस दो भागों में विभाजित हो गई, वहीं सरकार का खुलकर विरोध के कारण सत्ताधारी दल के नेता को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित अंतागढ़ उपचुनाव में पैसों के कथित लेन-देन की सीडी ने वर्ष 2015 के अंतिम महीने में राज्य की राजनीति को गर्म कर दिया। इस सीडी की आंच सत्ताधारी और विपक्षी दल तक बराबर पहुंची लेकिन असर सबसे ज्यादा विपक्ष पर हुआ और विपक्ष दो भागों में विभाजित हो गया।
 
वर्ष 2016 के शुरू में ही अंतागढ़ उपचुनाव की सीडी को लेकर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के खेमों के बीच शह और मात का खेल शुरू हो गया। प्रदेश कांग्रेस ने जोगी खेमे पर हमला बोलते हुए जोगी के बेटे और मरवाही क्षेत्र के विधायक अमित जोगी को जनवरी माह में पार्टी से निष्कासित कर दिया।
 
बेटे के निष्कासन के बाद अजीत जोगी ने प्रदेश कांग्रेस के खिलाफ हमला तेज कर दिया और निशाने पर प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल और विधानसभा में विपक्ष के नेता टीएस सिंहदेव रहे। बाद में जोगी ने राज्य में अपनी पार्टी बनाने की घोषणा कर दी। जोगी ने जून महीने में अपने बेटे के विधानसभा क्षेत्र में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ का गठन कर दिया।
 
छत्तीसगढ़ में इस वर्ष बारिश अच्छी हुई लेकिन अकाल का असर खरीफ मौसम के पहले तक रहा। राज्य में किसानों ने आत्महत्या की और सरकार ने कहा कि यह अकाल के कारण नहीं है। कांग्रेस ने इस मामले को लेकर सरकार पर लगातार हमला बोला। कांग्रेस के मुताबिक राज्य सरकार की नाकामी के कारण राज्य में कई किसानों ने आत्महत्या की है। 
 
राज्य में कांग्रेस और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने सरकार पर हमला जारी रखा। अप्रैल महीने में मुख्यमंत्री के बेटे और राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र से सांसद अभिषेक सिंह पर विदेशों में बैंक खाता होने का आरोप लगा, वहीं कांग्रेस ने राज्य में हेलीकॉप्टर खरीदी मामले को लेकर भी सरकार को घेरा। राज्य सरकार ने दोनों ही मामले में सफाई दी कि यह केवल विपक्ष का आरोप है और इसमें सच्चाई नहीं है। 
 
सरकार पर विपक्ष और जोगी का हमला जारी रहा और दोनों पक्ष एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी भी करते रहे। जोगी को पूर्व विधायकों के साथ मौजूदा विधायकों का भी साथ मिला और इनमें से एक गुंडरदेही विधानसभा क्षेत्र के विधायक आर के राय को कांग्रेस ने अक्तूबर माह में निलंबित कर दिया। राय जोगी के खास माने जाते हैं।
 
राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस में गुटबाजी हावी रही लेकिन सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी भी इससे नहीं बच सकी। आदिवासी बाहुल्य कांकेर लोकसभा क्षेत्र से चार बार सांसद रहे सोहन पोटाई सरकार के खिलाफ बयानबाजी करते रहे। बाद में पार्टी ने पोटाई को निलंबित कर दिया।
 
राज्य के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बल का नक्सलियों पर दबाव तो रहा लेकिन कुछ ऐसी भी घटनाएं हुई जिसके कारण पुलिस के काम करने के तरीकों पर उंगली उठाई गई। फरवरी महीने में अज्ञात लोगों ने आम आदमी पार्टी की नेता सोनी सोढ़ी के चेहरे पर तरल पदार्थ डाल दिया जिसके कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। वहीं क्षेत्र में नक्सलियों का साथ देने के आरोप में कुछ पत्रकारों को भी गिरफ्तार किया गया। हांलकि बाद में मुख्यमंत्री ने प्रेस की आजादी की रक्षा के लिए राज्य सरकार के वचनबद्ध होने का वादा किया।
 
वर्ष 2016 राज्य में न्यायपालिका से जुड़ी खबरों के लिए भी जाना जाएगा। इस वर्ष अप्रैल महीने में उच्च न्यायालय की अनुशंसा के बाद राज्य शासन ने सुकमा जिले के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रभाकर ग्वाल को सेवा से बर्खास्त कर दिया। इसी माह उच्च न्यायालय ने कदाचार के आरोप में रायपुर के अतिरिक्त मुख्य न्यायायिक दंडाधिकारी अश्वनी कुमार चतुर्वेदी को निलंबित कर विभागीय जांच का आदेश दे दिया। 
 
इसी बीच राज्य में एक मजेदार खबर भी सामने आई। राज्य के कोरिया जिले में न्यायाधीश के बंगले में अक्सर बकरी घुस जाया करती थी और पौधों को नुकसान पहुंचाती थी। न्यायाधीश ने इसकी शिकायत पुलिस में की तब पुलिस ने बकरी मालिक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
 
इधर राज्य के धमतरी जिले में शौचालय बनाने के लिए अपनी बकरियां बेचने वालीं 105 साल की कुंवर बाई को स्वच्छ भारत अभियान का शुभंकर बनाया गया। जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी छत्तीसगढ़ आए थे तब उन्होंने कुंवर बाई को मंच पर बुलाकर सम्मानित किया था और उनके पैर भी छुए थे।
 
छत्तीसगढ़ में राजनीतिक घटनाक्रम होते रहे और इस दौरान राज्य ने लोकप्रिय संत कवि, पूर्व सांसद और पूर्व विधायक पवन दीवान को खो दिया। इस वर्ष मार्च महीने में 71 वर्षीय संत दीवान का निधन हो गया। 'छत्तीसगढ़ का प्रयाग' के नाम से प्रसिद्ध राजिम में दीवान को समाधि दी गई। (भाषा) 
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