शेयर बाजार से मंदी का विसर्जन नहीं
समूचा महाराष्ट्र 14 सितंबर को गणपति विसर्जन में व्यस्त रहा और यह प्रार्थना रही कि आप अगले वर्ष जल्दी आना, लेकिन भारतीय शेयर बाजार से मंदी का विसर्जन होता जल्दी नहीं दिख रहा। अमेरिका में चल रहे वित्तीय संकट का अंत अभी नहीं हुआ है, बल्कि निवेशकों को बुरे समाचारों के लिए तैयार रहना होगा। कम वोल्यूम के अलावा बड़े निवेशकों का बाजार से पीछे हटना, घरेलू औद्योगिक विकास दर का कमजोर पड़ना और आतंककारी हमले शेयर बाजार के लिए शुभ नहीं हैं।क्रूड ऑइल के भाव घटने और अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने के बाद यह उम्मीद की जा रही थी कि विदेशी संस्थागत निवेशक भारतीय शेयर बाजार में बड़े पैमाने पर निवेश करेंगे, लेकिन इस बार यह उल्टा हुआ है। विदेशी संस्थागत निवेशक अभी भी भारतीय शेयर बाजार से दूर हैं। घरेलू खिलाड़ी यह साफ मान रहे थे कि अमेरिकी डॉलर मजबूत होने से अब विदेशी संस्थागत निवेशक भारत में पैसा लगाएँगे, लेकिन इतिहास को उलटकर अमेरिकी डॉलर में खरीद लगातार जारी रही, जिससे यह मजबूत होता रहा। ये अंतरराष्ट्रीय फंड भारत, चीन एवं ब्राजील के शेयर बाजारों से नकदी निकालकर लगातार डॉलर खरीदते रहे, जिससे आज यह 46 रुपए के करीब पहुँच गया है। इस गणित से न तो क्रूड ऑइल में आई गिरावट का फायदा हुआ और न ही शेयर बाजार में तेजी आई। |
जिन बेहतर कंपनियों में उनके प्रमोटर इस समय निचले भावों पर बायबैक कर रहे हैं, उनमें निवेशकों को खरीद करना चाहिए। जहाँ प्रमोटर खरीद कर रहे हों, उनमें जोखिम कम रहती है |
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निवेशक इस समय भ्रम की स्थिति में हैं कि वे क्या करें और क्या नहीं, लेकिन जिन बेहतर कंपनियों में उनके प्रमोटर इस समय निचले भावों पर बायबैक कर रहे हैं, उनमें निवेशकों को खरीद करना चाहिए। जहाँ प्रमोटर खरीद कर रहे हों, उनमें जोखिम कम रहती है। अत: यह राह निवेशकों के लिए भावी निवेश रणनीति तय करने के लिए ज्यादा सुरक्षित है, लेकिन रुपए-डॉलर में हो रही उथल-पुथल की वजह से सौ फीसदी निर्यातलक्षी कंपनियों में निवेश करना इस समय अच्छा नहीं है, क्योंकि हमारे देश को निर्यात इस समय घट रहा है और डॉलर के 48 रुपए तक पहुँचने के आसार हैं।बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई सेंसेक्स 14 सितंबर से शुरू हो रहे नए सप्ताह में 14480 से 13432 के बीच घूमता रहेगा, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई का निफ्टी 4389 से 4058 के बीच कारोबार करता रहेगा। तकनीकी विश्लेषक हितेंद्र वासुदेव का कहना है कि 15 सितंबर से शुरू होने वाले सप्ताह में बीएसई सेंसेक्स को 13727 पर सपोर्ट मिल सकता है, लेकिन इसने इस स्तर को तोड़ा तो यह कम से कम गिरकर 12822-12514 तक जाएगा। सेंसेक्स 13727 के ऊपर बंद होने पर यह 14433 को पार कर सकता है। रेसीसटेंस 14347-14760-15106 पर होगा। सपोर्ट 13737-13587 पर देखने को मिलेगा। इस सपोर्ट स्तर से नीचे जाने पर सेंसेक्स 12514 तक आ सकता है। इस सप्ताह एरा इंफ्रास्ट्रक्चर, जैमिनी कम्प्यूटर, हर्क्युलिए होइस्ट, एचटीएमटी ग्लोबल, ज्युबिलिंट आर्गे, अदाणी एंटरप्राइजेज, बाफना स्पिनिंग, बैंक ऑफ राजस्थान, बन्नारी अमान शुगर, सीसीएल प्रॉडक्ट्स, डीआईएल, महाराष्ट्र सीमलैस, रिको ऑटो, डीएलएफ, पेनेशिया बॉयोटेक, विक्टोरिया मिल, क्रेन्स सॉफ्टवेयर, आईसीएस इंडस्ट्रीज और उगर शुगर वर्क्स में एक्स डिवडेंड, शेयर विभाजन, एक्स बोनस, एक्स राइट होगा। इस सप्ताह निवेशक बॉस्फ इंडिया, मैक्स इंडिया, प्राज इंडस्ट्रीज, आईबीएन 18 इंडस्ट्रीज, हानुंग टायज, कावेरी सीड, बलरामपुर चीनी, रेणुका शुगर और सेंचुरी टेक्सटाइल पर ध्यान दे सकते हैं। *यह लेखक की निजी राय है। किसी भी प्रकार की जोखिम की जवाबदारी वेबदुनिया की नहीं होगी।