अखबारों के माध्यम से खबर लगी की हमारे इन्दौर के सिरपुर पक्षी अभ्यारण्य में ग्रेटर फ्लेमिंगों का जोडा देखा गया है तभी सोच लिया था की अलसुबह उठ इन गुलाबी पंखो वाले मेहमानो का स्वागत करने जरूर जाना है। सुबह-सवेरे सिरपुर तालाब पहुँच कर वहाँ की ठंडी हवा में पैदल-पैदल चल पडे प्रकृति के कुछ सुन्दर पक्षियों को निहारने|
मई की गरमी ने तालाब को वास्तविक सीमाओं से काफी पीछे धकेल दिया है फिर भी वहाँ जलीय पक्षियों की तादाद देख कर सुखद आश्चचर्य हुआ। मुर्गाबीयों के शोर के बीच सूर्य देव धीरे-धीरे धरती को गर्माने निकल पडे थे।
लगभग 2 किमी चलने के बाद तालाब की पाल से लगभग 500 मीटर की दूरी पर कुछ पक्षी दिखाई दिए, उत्सुकतावश जब मैने गौर से उनके आस पास देखा तो पाया की तालाब के उथले पानी मे सफेद बगुलो के बीच दो गुलाबी ग्रेटर फ्लिमिंगो गर्दन झुकाए खाना ढूढनें मे व्यस्त थे, इससे पहले मैने फ्लेमिंगो को 1991 में गुजरात के तटीय इलाके में स्थित बालाचढी के पास खाडी में देखा था पर तब वहाँ वे हजारों की संख्या में थे|
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इस पक्षी की भव्यता तब प्रतीत होती है जब यह उडता है, इसके पंखो के दीर्घ विस्तार और लम्बे पैरो की मदद से यह पक्षी बडे ही कम समय में मात्र 2-3 बार पंख फडफडा कर फ्लाइट भरता है जो की देखने लायक होती है।
जोडे में पाया जाने वाला फ्लेमिंगो आजीवन अपने साथी के साथ रहता है तथा अंडे सेने से ले कर चूजे को पालना सभी मिल जुल कर करते है, इन की सबसे खूबसूरत अदा होती है जब यह जोडा प्रणयरत हो अपनी गरदन मिला दिल का आकार बनाते है। थोड़ा पास जा कर देखने का लालच तो मन में आया पर सोचा कि उन्हें शायद मेरी दखलअंदाजी पसन्द न आई तो नाराज हो उड कर कही और न चले जाए। उनसे सुरक्षित दूरी बना मै चुपचाप दूरबीन से बडी देर तक उन्हें निहारता रहा।
वैसे तो सिरपुर तालाब बहुत समय से जलीय पक्षियों का आश्रयस्थली रहा है पर बीते कुछ सालो मे हुई अन्धाधुंध बेतरतीब विकास के चलते इस तालाब की दशा दयनीय हो गई थी। पर आज भी इस शहर में पर्यावरण के प्रति प्रेम रखने और इस प्रकृति के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ लडने वाले मौजूद है।
कुछ जागरूक संस्थाओं "नेचर वालेंटियर" तथा इन्दौर नगर निगम ने मिल कर इस तालाब की कायापलट का बीड़ा उठाया और उसका सुखद नतीजे के रूप में आज घनी आबादी के बीच एक पक्षी अभ्यारण्य विकसित हुआ जिसमें देश-विदेश से हजारो प्रवासी पक्षी आते हैं ।
इन प्रयासो का सुखद परिणाम भी आया, आज सिरपुर तालाब पर लंबी गर्दन और गुलाबी रंग वाले ग्रेटर फ्लेमिंगो दिखाई दे रहे हैं। इन पक्षियों का आकार 120 से 130 सेमी है। भारत में इसकी दो प्रजाति ग्रेटर और लेसर फ्लेमिंगो है। गुजरात, सिवरी तथा मुंबई की खाड़ी में हजारों की तादाद में पाए जाने वाले फ्लेमिंगो शांतिप्रिय और प्रदूषण रहित वातावरण में रहना ज्यादा पसंद करते हैं।
हर बार जब भी प्रकृति के नजारे देखता हूँ, सोचने पर मजबूर हो जाता हूँ कि शायद फिर यह नजारा देखने को न मिले। लगभग चारों तरफ से आबादी और शोरगुल से घिरे इस सुरम्य तालाब में प्रकृति से दो-चार होना भीड़ भरे शॉपिंग मॉल्स से हज़ार गुना बेहतर लगा, सुबह की ठंड़ी हवा और पक्षियों के कलरव का अनुभव शब्दों में नही बयाँ किया जा सकता है।
अपने शहर में इन गुलाबी परिन्दो की इस झलक को देख आँखो को जो सूकून पहुँचा उसके लिए "नेचर वालेंटियर", इन्दौर नगर निगम तथा इस पुण्य कार्य से जुड़े सभी लोगो को दिल से धन्यवाद॥