Which medical tests are necessary at 30th year for women : महिलाओं का स्वास्थ्य उनकी पूरी जीवनशैली पर निर्भर करता है। 30 की उम्र के बाद शरीर में कई तरह के हार्मोनल और शारीरिक बदलाव होने लगते हैं, जो भविष्य में गंभीर बीमारियों का रूप ले सकते हैं। ऐसे में महिलाओं को अपनी सेहत का खास ध्यान रखना चाहिए और नियमित हेल्थ चेकअप कराना चाहिए। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, 30 के बाद महिलाओं को कुछ जरूरी मेडिकल टेस्ट करवा लेने चाहिए, ताकि किसी भी बीमारी का समय रहते पता लगाया जा सके और सही इलाज किया जा सके। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2025 के खास मौके पर हम आपकी हेल्थ के लिए बेहद जरूरी कुछ हेल्थ टेस्ट के बारे में बता रहे हैं, जो न केवल सेहतमंद जीवन जीने में मदद करेंगे बल्कि गंभीर बीमारियों से भी बचाव करेंगे।
1. पैप स्मीयर टेस्ट (Pap Smear Test)
30 की उम्र के बाद महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। पैप स्मीयर टेस्ट इस कैंसर के शुरुआती लक्षणों की पहचान करने में मदद करता है, जिससे समय रहते इलाज किया जा सकता है।
क्यों जरूरी है?
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सर्वाइकल कैंसर का पता लगाने के लिए
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ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) संक्रमण की जांच के लिए
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महिलाओं की प्रजनन क्षमता बनाए रखने के लिए
कब करवाना चाहिए?
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हर 3 साल में एक बार
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अगर एचपीवी टेस्ट पॉजिटिव है, तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार।
2. मैमोग्राफी (Mammography)
ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में तेजी से फैलने वाली बीमारियों में से एक है। 30 के बाद ब्रेस्ट टिशू में बदलाव आ सकते हैं, जिससे आगे चलकर कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
क्यों जरूरी है?
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ब्रेस्ट में गांठ या असामान्यता की शुरुआती पहचान के लिए
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ब्रेस्ट कैंसर की रोकथाम और जल्दी इलाज के लिए
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जेनेटिक फैक्टर के कारण ब्रेस्ट कैंसर के रिस्क को कम करने के लिए
कब करवाना चाहिए?
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30 के बाद हर 1-2 साल में
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अगर परिवार में ब्रेस्ट कैंसर का इतिहास है, तो डॉक्टर की सलाह से पहले टेस्ट कराएं।
3. ब्लड शुगर टेस्ट (Blood Sugar Test)
गलत लाइफस्टाइल और खराब खानपान के कारण महिलाओं में डायबिटीज तेजी से बढ़ रही है। 30 की उम्र के बाद ब्लड शुगर लेवल की जांच करवाना बेहद जरूरी है।
क्यों जरूरी है?
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टाइप 2 डायबिटीज की शुरुआती पहचान के लिए
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हाई ब्लड शुगर के कारण हार्ट डिजीज और किडनी प्रॉब्लम से बचने के लिए
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महिलाओं में पीसीओएस (PCOS) और इनफर्टिलिटी के खतरे को कम करने के लिए
कब करवाना चाहिए?
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हर 6 महीने या 1 साल में
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अगर परिवार में डायबिटीज का इतिहास है, तो अधिक सावधानी बरतें।
4. लिपिड प्रोफाइल टेस्ट (Lipid Profile Test)
30 के बाद महिलाओं को अपने कोलेस्ट्रॉल लेवल की जांच करानी चाहिए, क्योंकि हाई कोलेस्ट्रॉल का स्तर हार्ट अटैक और स्ट्रोक का कारण बन सकता है।
क्यों जरूरी है?
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दिल की बीमारियों और हाई ब्लड प्रेशर के जोखिम को कम करने के लिए
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खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कंट्रोल में रखने के लिए
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हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाने के लिए सही गाइडेंस के लिए
कब करवाना चाहिए?
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हर 1-2 साल में
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अगर पहले से ही हाई कोलेस्ट्रॉल है, तो हर 6 महीने में।
5. थायरॉइड टेस्ट (Thyroid Test)
थायरॉइड असंतुलन महिलाओं में वजन बढ़ना, मूड स्विंग्स, बाल झड़ना और इनफर्टिलिटी जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है।
क्यों जरूरी है?
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वजन में अचानक बदलाव से बचाव के लिए
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थकान, कमजोरी और डिप्रेशन से बचने के लिए
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पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं को रोकने और गर्भधारण से पहले जांच के लिए
कब करवाना चाहिए?
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साल में एक बार
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अगर पहले से थायरॉइड की समस्या है, तो हर 6 महीने में।
6. विटामिन डी और बी12 टेस्ट
महिलाओं में विटामिन डी और बी12 की कमी से इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है, जिससे बार-बार बीमार होने का खतरा रहता है।
क्यों जरूरी है?
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शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए
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मानसिक और शारीरिक थकान से बचने के लिए
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हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखने के लिए
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हर 4 से 6 महीनें में ये टेस्ट करा लेना चाहिए।
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