मुझे माफ कर दो
गलतियों को करें कबूल
गलतियाँ हर किसी से होती हैं। जाने-अनजाने क्रोध में आकर हम किसी को कुछ भी बोल देते हैं परंतु फिर जब हमें अपनी गलती का अहसास होता है तब हम 'सॉरी' कहकर सामने वाले को मनाने की कोशिश करते हैं। हमें तब ज्यादा दु:ख होता है, जब हमारी गलतियों की पुनरावृत्ति से तंग आकर हमारा कोई अपना हमें छोड़कर चला जाता है। तब बीती बातों को याद करके दु:खी होने के अलावा हमारे पास कोई और रास्ता ही नहीं बचता है। कई बार हमारा माफी माँगने का तरीका इतना गलत होता है कि सामने वाले को मनाने में भी हम नाकाम रहते हैं। इस मामले में बहुत ही कम लोग खुशकिस्मत होते हैं, जो आसानी से अपने रूठे दोस्त को मना लेते हैं। जब भी आपका कोई अपना रूठ जाए तो उसे मनाने के लिए ये तरीके अपनाएँ :- |
कई बार हमारा माफी माँगने का तरीका इतना गलत होता है कि सामने वाले को मनाने में भी हम नाकाम रहते हैं। इस मामले में बहुत ही कम लोग खुशकिस्मत होते हैं, जो आसानी से अपने रूठे दोस्त को मना लेते हैं। |
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अपनी गलती स्वीकारें :- यदि आपसे वाकई में कोई गलती होती है, जिससे आपके किसी करीबी या दोस्त का दिल दुखा है तो आप उसके समक्ष अपनी गलती को स्वीकारें। गलती स्वीकारने से आपका ओहदा छोटा या कम नहीं हो जाएगा। यह तो आपके शिष्टाचार का परिचायक है।अपनी गलती को मानकर माफी माँगने से सामने वाले के मन में आपके लिए जो दुर्भावना है, वह दूर हो जाएगी। भले ही वह कुछ समय तक आपसे बात ना करे परंतु धीरे-धीरे सब कुछ सामान्य हो जाएगा।
उपहार दें :- सरप्राइज हर किसी को अच्छा लगता है। कई अवसरों पर उपहार आपकी भावनाओं की अभिव्यक्ति का माध्यम बनते हैं। जब भी कोई ऐसा व्यक्ति आपसे रूठ जाए, जिससे आप बहुत प्यार करते हों। ऐसे में उपहार आपके दिल की बात को कहने का एक बढि़या माध्यम है।उपहारों के माध्यम से माफी माँगने का चलन काफी पुराना है। हमेशा ऐसा उपहार खरीदें, जो सामने वाले को पसंद आए। उपहार के रूप में आप फूल, परफ्यूम, ग्रीटिंग कार्ड, घड़ी, कपड़े आदि दे सकते हैं।हमेशा लेट-लतीफी अच्छी नहीं :- कुछ लोगों की लेट-लतीफी की आदत-सी बन जाती है। उनकी यह लेट-लतीफी कई बार उन्हें दूसरों का कोपभाजन बनाती है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए समय के पाबंद बनें तथा सामने वाले से अपनी गलतियों की माफी माँगें। |
'आई एम सॉरी' कहने के कई तरीके हैं परंतु हमेशा ऐसा तरीका अपनाएँ, जिसमें आप माफी के रूप में अपने दिल की बात सामने वाले से कह सकें। रूठना बहुत आसान है पर रूठे को मनाना बहुत ही मुश्किल। |
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दूसरों की भी सुनें :- कई बार गलतियाँ करने के बाद भी हम अपनी ही अपनी चलाते हैं, जो कि गलत है। यदि आपने गलती की है तो आप अपनी बात कहकर खामोश हो जाएँ और सामने वाले को भी बोलने का मौका दें। यह माफी माँगने का सबसे अच्छा तरीका है। आपका बार-बार तर्क देना या बहाने करना सामने वाले का क्रोध और भी अधिक बढ़ाता है। माफी माँगते वक्त दूसरों को सुनना भी बेहद जरूरी होता है। धैर्य रखना जरूरी :- यदि आपने कोई गलती की है तो आपको धैर्य रखना भी सीखना होगा। आपकी वजह से यदि कोई आहत होता है तो उस वक्त उसे भी अपनी बात कहने दें। यदि आप भी क्रोध में कही गई उसकी बातों को दिल से लगाकर बैठ जाएँगे तथा उससे रिश्ता तोड़ लेंगे तो आपकी कभी सुलह नहीं होगी। यही वह वक्त है जब आपके धैर्य की परीक्षा होती है। '
आई एम सॉरी' कहने के कई तरीके हैं परंतु हमेशा ऐसा तरीका अपनाएँ, जिसमें आप माफी के रूप में अपने दिल की बात सामने वाले से कह सकें। रूठना बहुत आसान है पर रूठे को मनाना बहुत ही मुश्किल। याद रखें इस दुनिया में दोस्त बहुत खुशकिस्मत लोगों को ही मिलते हैं, अत: गलतियाँ करके अपने दोस्त को कभी न खोएँ।