आज यदि स्त्री-पुरुष के शारीरिक संबंधों को विवाह के रूप में कानूनी मान्यता मिली है तो इसका औचित्य भी है। वर्तमान में हम लोग परिवारवादी प्रणाली को अपना रहे हैं और सुख -दु:ख में एक-दूसरे का जीवनभर साथ निभा रहे हैं। आज हमारे बच्चे अपने माँ-बाप के नाम से पहचान पाकर हमारी संपत्ति में अपना अधिकार प्राप्त कर रहे हैं। यह 'विवाह' की सबसे बड़ी सार्थकता है।और भी पढ़ें : |