चेहरे का असर ..
एक प्रेमिका, प्रेमी को चिढ़ाते हुए, देखो वो लड़का मुझे देखकर
मुस्कुरा रहा है..
प्रेमी ध्यान न देते हुए : कोई बात नहीं, गुस्सा करने के जरूरत
नहीं है, मैंने भी जब तुम्हें पहली बार देखा था मैं पूरा एक दिन
अपनी हंसी नहीं रोक पाया था।
गर्लफ्रेंड की ड्यूटी
चिटकू ऑफिस में लेट पहुंचा। बॉस : कहां थे अब तक?
चिटकू : जी वो गर्लफ्रेंड को कॉलेज छोड़ने गया था।
बॉस : शटअप, कल से ऑफिस टाइम से आना नहीं तो खैर नहीं।
चिटकू : ठीक है, अपनी बेटी को खुद ही कॉलेज छोड़ देना...
अगले पेज पर प्यार का रूमाल ...
प्यार का रूमाल ...
एक दंपत्ति की शादी को सत्तर वर्ष हो चुके थे। उनकी आपसी समझ इतनी अच्छी थी
कि इन साठ वर्षों में उनमें कभी झगड़ा तक नहीं हुआ। वे एक दूजे से कभी कुछ भी
नहीं छिपाते थे।
हां, पत्नी के पास उसके मायके से लाया हुआ एक डिब्बा था जो उसने
अपने पति के सामने कभी नहीं खोला था। उस डिब्बे में क्या है वह नहीं जानता था।
कभी उसने जानने की कोशिश भी की तो पत्नी ने यह कह कर टाल दिया कि सही समय
आने पर बता दूंगी...
आखिर एक दिन महिला बहुत बीमार हो गई और उसके बचने की आशा न रही।
उसके पति को तभी ख्याल आया कि उस डिब्बे का रहस्य जाना जाये। महिला
बताने को राजी हो गई। पति ने जब उस डिब्बे को खोला तो उसमें हाथ से बुने
हुये दो रूमाल और 60,000 रूपये निकले। उसने पत्नी से पूछा, "यह सब क्या है?"
पत्नी ने बताया, "जब उसकी शादी हुई थी तो उसकी दादी ने उससे कहा था
कि ससुराल में कभी किसी से झगड़ना नहीं। यदि कभी किसी पर क्रोध आये
तो अपने हाथ से एक रूमाल बुनना और इस डिब्बे में रखना।"
बूढ़े की आंखों में यह सोचकर खुशी के मारे आंसू आ गये कि उसकी पत्नी को पचास
वर्षों के लम्बे वैवाहिक जीवन के दौरान सिर्फ दो बार ही क्रोध आया था। उसे अपनी
पत्नी पर सचमुच गर्व हुआ। खुद को संभाल कर उसने रूपयों के बारे में पूछा,
"इतनी बड़ी रकम तो मैंने तुम्हे कभी दी ही नहीं थी, फिर ये कहां से आये?"
"रूपये! वे तो मैंने रूमाल बेच बेच कर इकठ्ठे किये हैं और तुम्हें ये दो रूमाल दे रही हूं,
इन्हें तुम बेच लेना ...
अगले पेज पर ईमानदार पति ...
नेताजी का चुनाव
चिटकू नेताजी अभी अभी चुनाव जीत चुके थे
भागे भागे पत्नी के पास पहुंचे और उसे यह
खुशखबर सुनाई, पत्नी के आश्चर्य का ठिकाना
न रहा, उन्हें घूरकर बोली...
सच बताओ, तुम तुम ईमानदारी से जीते हो??
चिटकू (झुंझलाते हुए) : तुम अभी से इंटरव्यू
क्यों लेने लगीं, यह टाइम ईमानदारी बेइमानी
का एंजेडा खोलने का नहीं है...
बसंती को नहाते हुए देखना ...
गब्बर वीरू से : हा हा हा, मैंने बसंती को नहाते हुए
देखा है...
वीरू : कुत्ते मैं तेरा खून पी जाउंगा..
गब्बर : क्यों साले, मैं नहाते वक्त किसी को देख भी
नहीं सकता क्या, दोष तो बसंती का है उसे नदी के पास
से गुजरने की क्या जरूरत थी ...