Fact Check: जानें, इंदौर की 93 साल की डॉक्टर का सच
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एक बुजुर्ग महिला डॉक्टर एक मरीज का उपचार करते दिख रही हैं। दावा है कि तस्वीर में दिख रहीं डॉक्टर इंदौर की 93 साल की डॉ. भक्ति यादव हैं, जो साल 1948 से मरीजों का मुफ्त इलाज कर रही हैं। आइए जानए हैं कि इन दावों में कितनी सच्चाई है...
जी हां, वायरल तस्वीर डॉ. भक्ति यादव की ही है, लेकिन अब वे हमारे बीच नहीं हैं। उनका निधन तीन साल पहले 2017 में हो चुका है। वे 91 वर्ष की थीं। उन्हें डॉक्टर दादी के नाम से जाना जाता था।
वे इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज (MGM) में पहले एमबीबीएस बैच की स्टूडेंट थीं। वह 1952 में एमबीबीएस की डिग्री हासिल कर मध्य प्रदेश की पहली महिला डॉक्टर बनीं।
डॉ. भक्ति यादव के नाम पिछले छह दशक में एक लाख से ज्यादा महिलाओं की डिलिवरी कराने का रिकॉर्ड है। गरीब तबके की मरीजों को वह नि:शुल्क चिकित्सकीय सलाह और दवाएं देती थीं। चिकित्सा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें साल 2017 में पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया था।
उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी थी। पीएम ने लिखा था- ‘भक्ति यादव का दुनिया से चले जाना दुखद है। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं। उनका काम हम सबके लिए एक प्रेरणा है।’