क्या भारत में 95 फीसदी बलात्कार मुसलमान करते हैं, जानिए सच..
सोशल मीडिया यूजर्स.. मानवता के दुश्मनों से सावधान! किसी भी धर्म-संप्रदाय विशेष के खिलाफ कोई पोस्ट आए, तो आंखमूंद कर शेयर न करें। कहीं अनजाने में आप भी अराजकता फैलाने में भागीदार न बन रहे हों। साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश में ट्विटर और फेसबुक पर इन दिनों एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया जा रहा है कि भारत में 95 फीसदी बलात्कार मुसलमान करते हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो का हवाला देते हुए कहा जा रहा है कि 2016 में कुल 84,734 बलात्कार हुए हैं, जिनमें से 81,000 बलात्कार मुस्लिमों ने किया है।
क्या है वह वायरल मैसेज..
NCRB की रिपोर्ट: महिलाओं के लिए भारत सर्वाधिक असुरक्षित है। कारण: भारत में 95% बलात्कार मुल्ले करते हैं। 2016 में कुल 84734 बलात्कार में से 81000 बलात्कार मुल्लों ने किया और इनकी शिकार महिलाओं में से 96% महिलाएं गैर मुस्लिम हैं।
क्या है सच..
जब हमने 2016 में हुए अपराधों पर एनसीआरबी की रिपोर्ट देखी, तो पता चला कि बलात्कार की घटनाओं पर एनसीआरबी कभी भी धर्म के आधार पर आंकड़े जारी नहीं करता है। रिपोर्ट में मोटे तौर पर दो ही कैटेगरी हैं- एक पीड़िता की उम्र और दूसरा आरोपी का पीड़िता से संबंध। पीड़िता किस धर्म से है, इसका जिक्र कहीं भी नहीं है। आप भी एनसीआरबी की 2016 की रिपोर्ट के स्क्रीनशॉर्ट देख लीजिए..
अब बात करते हैं आंकड़ों की.. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के हवाले से 2016 में हुए बलात्कार की घटनाओं के जो आंकड़े बताए जा रहे हैं, वो पूरी तरह से गलत हैं। एनसीआरबी की ओर से 2016 के लिए जारी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2016 में POSCO एक्ट, धारा 376 और IPC के अन्य संबंधित धाराओं के तहत देश में बलात्कार के कुल 38,9 47 मामले दर्ज किए गए थे।
एनसीआरबी के आंकडों के मुताबिक वर्ष 2016 में 94.6 मामलों में आरोपी पीड़िता से संबंधित हैं। 2016 में बलात्कार के 630 मामलों में सगे दादा, पिता, भाई और बेटे ने कथित तौर पर दुष्कर्म किया। वहीं 1,087 मामलों में अन्य नजदीकी संबंधियों पर दुष्कर्म के मामले दर्ज हुए। 2,174 मामलों में रिश्तेदार बलात्कार के आरोप की जद में आए, जबकि 10,520 मामलों में पड़ोसियों पर रेप के मामले दर्ज हुए। वहीं नियोक्ताओं और सहकर्मियों पर 600 मामलों में बलात्कार का आरोप लगाया गया।