एक तरफ जहां पूरी दुनिया कोरोना वायरस के संक्रमण से भयभीत है। वहीं सोशल मीडिया पर चल रहा एक वीडियो लोगों को और ज्यादा डरा रहा है। इस वीडियो में दावा किया गया है कि 'आज' रात 12 बजे अमेरिका से कॉस्मिक रेज की रेडिएशन मोबाइल के जरिए बॉडी को करंट देगी। आइए जानते हैं कि लोगों में डर पैदा कर रहे इस वीडियो की सच्चाई...
यदि हम इस वीडियो को देखें तो पाएंगे कि इसमें आंरभ में इस घटना की पृष्ठभूमि बनाकर इसे 4 व्यक्तियों के संदेशों को एक चलती हुई टेप के जरिए परोसा गया है। इसमें तीन पुरुषों एवं एक महिला की आवाज है। इस वीडियो संदेश कुछ इस तरह दिया गया है।
सलाम मालेकुम दोस्तो, पूरी दुनिया अभी दहशत के माहौल में है और रोज कोई न कोई वायरल खबर हम लोगों तक पहुंच जाती है, जिसकी वजह से लोग तनाव में आ जाते हैं। इसी तरह की एक और जानकारी वायरल हो रही है। यह खबर आज सुबह से वायरल हो रही है। खबर यह है कि नासा वैज्ञानिकों का कहना है- आज रात को पूरी दुनिया को एक बहुत बड़ा खतरा हो सकता है।
एक अन्य संदेश में कहा गया- सलाम मालेकुम, मैं आपको यह रिकॉर्डिंग भेज रहा हूं। इस रिकार्डिंग को मजाक में मत लीजिए आज रात को 12 बजे आसमान के जो बड़े प्लेनेट हैं, उनका रेडिएशन हमारे घरों से गुजरने वाला है। अपने घरों में जो-जो चार्जिंग के आइटम हैं सबको प्लगों से बाहर निकाल दीजिये।
इस संदेश में आगे कहा गया है कि बंद कर दीजिए अपने मोबाइल, लेपटॉप, कम्यूटर, मच्छरों की मशीन या फिर चार्जिंग की अन्य कोई सामग्री हो तो उसे बंद कर दीजिए। टीवी का प्लग, फ्रीज का प्लग हो उसे भी निकाल दीजिये। यह रेडिएशन कितना खतरनाक है, इसकी जानकारी नहीं है। इसकी रिपोर्ट अमेरिका के नासा से आई है। जो लोग सो गए हैं, उन्हें अपनी बिल्डिंग जगाकर बोलिए। एक दूसरे को होशियार कर लीजिए।
ऐसा ही एक संदेश लड़की की आवाज में भी है। ये सभी मैसेज मिलते-जुलते ही हैं अत: उन्हें बताने की जरूरत भी नहीं है। ऑडियो के आखिरी में कहा गया है- दोस्तो, यह खबर कितनी सच है इसका पता हमें आज रात को चल जाएगा। इस वीडियो में इतना ही। रेडिएशन का समय रात साढ़े 12 बजे से साढ़े 3 बजे तक का बताया गया है।
फिर सच्चाई क्या? : इस पूरी स्क्रिप्ट पर गंभीरता से गौर किया जाए तो यह पहली नजर में ही फर्जी नजर आती है। इसका मकसद लोगों को डराने के अलावा कुछ नहीं हो सकता।
इन संदेशों में समय आज रात साढ़े बारह बजे से साढ़े तीन बजे तक का बताया गया है। अब रेडिएशन प्लेनेट से आए, अमेरिका से आए या जमीन से गुजरे पूरे विश्व में समय तो अलग-अलग ही होगा। अमेरिका में जब रात के साढ़े 12 बजे से साढ़े 3 बजे तक का समय होगा, वह विश्व के अन्य देशों में अलग होगा। अत: यह रत्तीभर भी भरोसे के लायक नहीं है।
इसमें आज रात (?) का उपयोग किया गया है। यह रात किस तारीख की है, इसका उल्लेख नहीं है। अर्थात यह वीडियो कब बना, कब से वायरल हो रहा है एवं जब तक वायरल होता रहेगा तब तक देखने वाली (घटना वाली भी) तारीख 'आज रात' ही होगी। इसलिए यह फेक एवं भ्रमित करने वाला ही है।
विभिन्न स्त्रोतों को खंगालने के बाद पता चलता है कि अमेरीका के नासा से इस प्रकार के समाचार का कहीं कोई उल्लेख है। यदि गौर से देखें तो इस वीडियो में टूडे नॉलेज का लोगो दिखाया गया है, साथ ही पूरे वीडियो में ब्रेकिंग न्यूज भी ब्लिंक करती है। जो समाचार चैनल होने का भ्रम फैलाता है। इस वीडियो में किसी की तस्वीर नहीं है, सिर्फ आवाज है। अत: यह सिर्फ लोगों में डर पैदा करने की कुछ असामाजिक तत्वों की साजिश हो सकती है।
न करें फारवर्ड : हमारा आपसे आग्रह है कि यदि आपको इस तरह का कोई भी वीडियो मिलता है तो उसे बिलकुल भी फारवर्ड न करें। यदि इस वीडियो के मूल स्त्रोत का पता चलता है तो शासन-प्रशासन को इसकी जानकारी दें ताकि इस के लोगों पर कार्रवाई हो।