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Last Updated : शुक्रवार, 31 दिसंबर 2021 (15:11 IST)

सीएम योगी का ऐलान, आशा कार्यकर्ताओं को अब मिलेंगे 1500 रुपए प्रतिमाह

सीएम योगी का ऐलान, आशा कार्यकर्ताओं को अब मिलेंगे 1500 रुपए प्रतिमाह - Yogi Adityanath's announcement regarding ASHA workers
लखनऊ। उत्तरप्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने शुक्रवार को यहां एक कार्यक्रम में आशा कार्यकर्ताओं को प्रतिमाह राज्‍य सरकार द्वारा दिए जाने वाले 750 रुपए के मानदेय को बढ़ाकर 1500 रुपए किए जाने तथा अप्रैल 2020 से मार्च 2022 तक प्रतिमाह 500 रुपए अतिरिक्त धनराशि देने की घोषणा की।
मुख्‍यमंत्री योगी ने शुक्रवार को यहां इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आशा कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में 80 हजार मोबाइल फोन वितरण अभियान की शुरुआत की और महामारी के दौरान उनके कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने तय किया है कि 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक कोविड-19 की रोकथाम के लिए बेहतर कार्य करने वाली आशा और आशा संगिनी को सरकार 500 रुपए प्रतिमाह अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराएगी।
 
उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं को केंद्र सरकार के 2,000 रुपए और राज्‍य सरकार के 750 रुपए तथा विभिन्न प्रोत्साहन राशि को मिलाकर कुल 5,300 रुपए मानदेय मिलते थे, लेकिन अब आपके कार्यों को देखते हुए राज्य सरकार ने मानदेय को 750 रुपए से बढ़ाकर 1500 रुपए करने का निर्णय किया है।
 
योगी ने कहा कि कोरोनावायरस के प्रबंधन में एक स्वास्थ्यकर्मी और कोरोना योद्धा के रूप में आपकी भूमिका बहुत सराहनीय रही। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में 1 लाख 56 हजार से अधिक और शहरी क्षेत्र में 60 हजार से अधिक आशा बहनें हैं। योगी ने कहा कि बच्‍चों के टीकाकरण से लेकर हर अभियान के साथ मजबूती के साथ आशा बहनें जुड़ी हैं। कोविड-19 रोधी टीकाकरण से लेकर कोरोनावायरस के नियंत्रण में आशा बहनों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति को स्वास्थ्य की बेहतरीन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उत्तरप्रदेश ने गत साढ़े 4 वर्ष के अंदर बेहतरीन सफलता प्राप्त की है। उत्तरप्रदेश मातृ मृत्युदर, शिशु मृत्‍युदर या तमाम बीमारियों के लिए हमेशा बदनाम रहता था, लेकिन हाल में भारत सरकार की 2019-20 की वार्षिक रिपोर्ट में देश के 19 बड़े राज्यों में बेहतर प्रदर्शन के साथ उत्तरप्रदेश को इस रैंकिंग में पहला स्‍थान प्राप्‍त हुआ है। योगी ने दावा किया कि मातृ मृत्युदर और शिशु मृत्युदर में 2015-16 की तुलना में प्रदेश में काफी सुधार हुआ है।