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Last Updated : मंगलवार, 20 फ़रवरी 2024 (14:57 IST)

स्वामी प्रसाद मौर्य का सपा से इस्तीफा, MLC पद भी त्यागा

स्वामी प्रसाद मौर्य का सपा से इस्तीफा, MLC पद भी त्यागा - Swami prasad maurya resigns from SP
Swami Prasad Maurya news in hindi : उत्तरप्रदेश के कद्दावर नेता माने जाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने बुधवार को समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने पार्टी से ‍इस्तीफा देने के बाद MLC पद भी त्याग दिया।
 
स्‍वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्‍स’ पर खुद यह जानकारी दी। उन्होंने ‘एक्‍स’ पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव और विधान परिषद के सभापति के नाम संबोधित त्यागपत्र के अलग-अलग पन्नों को साझा किया है।
 
मौर्य ने यादव को लिखे पत्र में कहा कि आपके नेतृत्व में सौहार्दपूर्ण वातावरण में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ किंतु 12 फरवरी को हुई वार्ता और 13 फरवरी को प्रेषित पत्र पर किसी भी प्रकार की वार्ता के लिए पहल नहीं करने के परिणामस्वरूप मैं सपा की प्राथमिक सदस्यता से भी त्यागपत्र दे रहा हूं।
 
विधान परिषद के सभापति को मौर्य ने लिखा कि मैं सपा के प्रत्याशी के रूप में विधानसभा, यूपी निर्वाचन क्षेत्र से सदस्य, विधान परिषद सदस्य निर्वाचित हुआ। चूंकि मैंने सपा की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है, इसीलिए नैतिकता के आधार पर विधान परिषद, उप्र की सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहा हूं।
 
मौर्य अब राष्‍ट्रीय शोषित समाज पार्टी नाम की नई पार्टी बनाएंगे। उन्होंने अपने भविष्य की रणनीति को अमलीजामा पहनाने के लिए 22 फरवरी को नई दिल्‍ली में समर्थकों की बैठक बुलाई है।
 
वरिष्‍ठ सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी टिप्पणियों को लेकर पार्टी के कुछ नेताओं के रवैये से नाराज होकर 13 फरवरी को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्‍तीफा दे दिया था।
 
वह योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा की सरकार में श्रम मंत्री थे। वह 2021 तक भाजपा के सदस्य थे। लंबे समय तक बसपा में रहने के बाद वह भाजपा में शामिल हुए थे, लेकिन 11 जनवरी 2022 को योगी सरकार के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया।
 
मौर्य ने सरकार पर पिछड़ों की उपेक्षा का आरोप लगाया था। हालांकि, उनकी पुत्री संघमित्रा मौर्य भाजपा से अब भी सांसद हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य मायावती के नेतृत्व वाली सरकारों में भी मंत्री रहे थे।
 
पडरौना से विधायक रह चुके मौर्य ने 2022 के विधानसभा चुनाव में फाजिलनगर से चुनाव लड़ा था, लेकिन भाजपा के सुरेंद्र कुमार कुशवाहा से हार गए थे। इसके बाद सपा ने उन्‍हें विधान परिषद का सदस्य बनाया और संगठन में राष्‍ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी थी।
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