हैवानियत : 11 साल की बेटी को गंगनहर में फेंका, लड़कों से फोन पर बातचीत से नाराज थे माता-पिता
कलयुगी माता-पिता ने 11 साल की बेटी को जिंदा गंगनहर में इसलिए फेंक दिया कि वह किसी से फोन पर बात करती थी। किसी को आरोपी दंपत्ति पर शक न हो इसके लिए एक साजिश रच ली। बेटी को भोला की झाल नहर में धक्का देने के बाद यह दोनों पुलिस थाना पहुंचे और बेटी के गुम हो जाने की रिपोर्ट लिखवा दी। दो दिन तक पुलिस आसपास के सीसीटीवी कैमरे में बच्ची को तलाशती रही लेकिन वह नजर नही आई।
पुलिस ने चंचल के घर के पास के एक कैमरों को खंगाला तो वह अपने माता रूबी और पिता बबलू के साथ बाइक पर नजर आई, लेकिन लौटी नहीं। पुलिस को रूबी और बबलू पर शक हुआ, उसने दोनों से अलग-अलग पूछताछ की तो उनकी बातों में विरोधाभास सामने आया। इसके चलते पुलिस की सख्त पूछताछ में माता-पिता ने बच्ची को नहर में धक्का देने की बात कबूल कर ली है। पुलिस पीएसी के गोताखोर की मदद से बच्ची की भोला की झाल स्थित गंगनहर में एक बॉडी तलाश रही है।
मेरठ के एसपी रूलर केशव कुमार के मुताबिक मूलरूप से बागपत के सिंघावली का रहने वाला बबलू मेरठ गंगानगर में अपनी पत्नी रूबी और दो बेटे वंश, आरव और बेटी चंचल के साथ रहता किराए के मकान में रहता है। 1 सितंबर की रात्रि ने गंगानगर थाने में बेटी की गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज करते ही चंचल की तलाश शुरू कर दी। चंचल के नाबालिग होने कारण पुलिस की सर्विलांस टीम समेत टीमें तलाश में लगी हुई थी। 2 सितंबर को पुलिस ने खोई बच्ची की तलाश में और उसके माता पिता को बुलाया। दोनों से अलग-अलग बातचीत की तो बातों में विरोधाभास दिखाई दिया। पुलिस का शक चंचल के माता-पिता पर गहरा गया। पिता बबूल बार-बार अपना बयान बदल रहा था, कभी कहता कि वह अपनी पत्नी को डॉक्टर के जाकर जा रहा था, उसने बर्गर खाने की जिद की, जिसके चलते उसे CFC में लेकर गया बर्गर दिलाया, बेटी चंचल बर्गर लेकर घर चली गईं और हम डॉक्टर के।
जब हम दोनों घर पहुंचे तो पता चला चंचल घर आई ही नहीं, इसलिए हमने शिकायत की है। पुलिस ने बर्गर रेस्टोरेंट में जाकर तफ्तीश की तो पता चला कि चंचल और उसके माता-पिता वहां आए ही नहीं। फिर क्या था पुलिस ने बबूल और चंचल को हिरासत में ले लिया। पुलिस कस्टडी में यह दंपत्ति पूछताछ में टूट गया और अपना जुर्म कबूल लिया। बबलू ने पुलिस को बताया वह चंचल को भोला की झाल घूमाने के बहाने से ले गए। वहां उसने चचंल को तेज पानी के बहाव में धकेल दिया और उसके बाद गंगानगर थाने में आकर गुमशुदगी दर्ज करा दी।
खबरों के मुताबिक चंचल अपने दोस्तों से फोन पर बात करती थी, उसकी मां रूबी ने इसकी शिकायत बबलू से करते हुए कहा था कि वह बिगड़ रही है, फोन पर किसी मेल से बातचीत करती है। आमतौर पर वह बबलू से यह कहती रहती थी कि वह बिगड़ जाएगी उसका इलाज करो, वरना हम समाज में किसी को मुंह दिखाने लायक नही रह जाएंगे। चंचल को सही राह दिखाने की जगह उसके माता-पिता ने मौत की राह दिखा दी।
जिस मां ने नौ माह बच्ची को कोख में रखा, जिस पिता ने उसको गोद में खिलाया, उनके झूठी शान के खातिर घिनौनी वारदात को अंजाम देने में हाथ नहीं कांपे। हालांकि पुलिस अभी तक गंगनहर से चंचल का सुराग तलाश नही कर पाई है।