Prayagraj student protest : समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने UPSC की पीसीएस प्री और आरओ-एआरओ परीक्षा 2 दिन में संपन्न कराने के निर्णय के विरोध में जारी छात्र आंदोलन का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि माहौल योगी बनाम प्रतियोगी छात्र हो गया है। इस बीच उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पुलिस अधिकारी संयमित व्यवहार करें और छात्रों पर बल प्रयोग ना करें।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के लोग जनता को रोजी-रोटी के संघर्ष में उलझाए रखने की राजनीति करते हैं ताकि भाजपाई सांप्रदायिक राजनीति की आड़ में भ्रष्टाचार करते रहें। सालों साल रिक्तियां या तो निकलती ही नहीं है या फिर परीक्षा की प्रक्रिया पूरी नहीं होती है।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने छात्रों को पढ़ाई की मेज से उठाकर सड़कों पर लाकर खड़ा कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि यही आक्रोशित अभ्यर्थी और उनके हताश-निराश परिवारवाले अब भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन रहे हैं। नौकरी-पेशा, पढ़ा-लिखा मध्यम वर्ग अब भावना में बहकर भाजपा के बहकावे में आने वाला नहीं है।
अखिलेश यादव ने कहा कि अब ये लोग भी भाजपा की नकारात्मक राजनीति के झांसे में आने वाले नहीं हैं। ये लोग अब बांटने वाली सांप्रदायिक राजनीति को नकार कर जोड़ने वाली सकारात्मक राजनीति को गले लगा रहे हैं। अब कोई भाजपाइयों का मानसिक गुलाम बनने को तैयार नहीं हैं।
सपा नेता ने कहा कि अब लोग समझ गए हैं कि भाजपा सरकार के रहते कुछ भी नहीं होने वाला। भाजपा के पतन में ही छात्रों का उत्थान है। भाजपा और नौकरी में विरोधाभासी संबंध है। जब भाजपा जाएगी, तभी नौकरी आएगी। क्या अलग-अलग दिन हो रहे चुनावों में भी भाजपा नॉर्मलाइज़ेशन का फार्मूला लगाएगी।
अखिलेश ने कहा कि अब क्या भाजपा सरकार छात्रों के हॉस्टल या लॉज पर बुलडोजर चलाएगी। भाजपाई जिस शिद्दत से नाइंसाफी का बुलडोजर चला रहे हैं, अगर उसी शिद्दत से सरकार चलाई होती तो आज भाजपाइयों को छात्र आक्रोश से डरकर अपने घरों में छिपकर नहीं बैठना पड़ता। आंदोलनकारियों के गुस्से से घबराकर भाजपाइयों के घरों, दुकानों, प्रतिष्ठानों और गाड़ियों से भाजपा के झंडे उतर गए हैं।
इस बीच, उप्र के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को छात्रों के मुद्दों पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है। उन्हें अपने शासनकाल में हुई भर्तियों में भ्रष्टाचार को याद रखना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पुलिस अधिकारी संयमित व्यवहार करें और छात्रों पर बल प्रयोग न हो।
मौर्य ने छात्रों को आगाह करते हुए कहा कि प्रतियोगी छात्रों से अनुरोध है कि वे अपनी समस्याओं को शांतिपूर्ण तरीके से उठाएं और सपा की राजनीति का शिकार न बनें। आपकी न्याय की लड़ाई में सरकार और मैं सदैव आपके साथ हूं। उन्होंने कहा कि 2012 से 2017 तक सपा सरकार में क्या क्या हुआ था, यह पूरा प्रदेश जानता है।
देर रात जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस आयुक्त ने आयोग में बैठक की जो बेनतीजा रही। आंदोलनकारी छात्रों ने रात खुले आसमान के नीचे गुजारी और मंगलवार की सुबह फिर से धरना प्रदर्शन में जुट गए। जो छात्र-छात्राएं रात में अपने घर चली गई थीं, वे मंगलवार की सुबह आयोग के मुख्यालय के प्रवेश द्वार पर पुन: एकत्रित हो गए और आंदोलन शुरू कर दिया।
ALSO READ: Prayagraj : छात्रों का धरना प्रदर्शन जारी, परीक्षाओं को लेकर UPPSC ने दिया यह बयान
प्रतियोगी छात्रों ने सोमवार सुबह से यहां लोक सेवा आयोग के प्रवेश द्वार पर धरना प्रदर्शन शुरू किया। दिन ढलने के साथ हजारों की संख्या में छात्रों ने मोबाइल फोन की टार्च जलाकर एकता दिखाई।
आयोग ने पिछले मंगलवार को इन परीक्षाओं की तिथियों की घोषणा की। जहां पीसीएस-प्री परीक्षा के लिए 7 और 8 दिसंबर की तिथि घोषित की गई है, वहीं समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी (RO-ARO) प्री परीक्षा के लिए 22 और 23 दिसंबर की तिथि घोषित की गई है।
Edited by : Nrapendra Gupta