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Written By अवनीश कुमार
Last Modified: शुक्रवार, 2 अक्टूबर 2020 (11:22 IST)

बिकरू कांड में पुलिस ने दाखिल की 2000 पन्नों की चार्जशीट

बिकरू कांड में पुलिस ने दाखिल की 2000 पन्नों की चार्जशीट - 2000 pages chargesheet in Bikru kand
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में 2 व 3 जुलाई की मध्य रात्रि हुए बिकरू कांड में पुलिस ने 89 दिन बाद कानपुर देहात कोर्ट में बिकरू कांड में सम्मिलित आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। माना जा रहा है कि लगभग 2000 पन्नों से भी अधिक यह चार्जशीट अब तक की कानपुर पुलिस की सबसे बड़ी चार्जशीट है।
 
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कानपुर देहात के माती कोर्ट में बिकरू कांड को लेकर पुलिस ने 36 आरोपियों खिलाफ के लगभग 2000 पन्नों से भी अधिक की चार्जशीट दाखिल कोर्ट में दाखिल करते हुए की चार्जशीट में कहां है कि 2 व 3 जुलाई की मध्य रात्रि हुए बिकरू कांड को साजिश के तहत अंजाम दिया गया। दहशतगर्द विकास को पुलिसकर्मियों ने तहरीर पहुंचने से लेकर दबिश रवाना होने तक की जानकारी थी जिसमें चौबेपुर के पूर्व एसओ विनय तिवारी और दरोगा केके शर्मा की मुख्य भूमिका थी।
 
पुलिस ने चार्जशीट स्पष्ट तौर पर लिखा है कि जब राहुल तिवारी ने विकास दुबे के खिलाफ पुलिस को प्रार्थना पत्र तभी विकास दुबे के पास सूचना पहुंच गई थी। जब बिकरू गांव में पुलिस विकास दुबे के घर पर दबिश देने के लिए रवाना हुई तो पुलिस कर्मियों के द्वारा ही सूचना दी गई थी जिसको लेकर विकास दुबे ने पहले से ही पूरी साजिश को बना रखा था और बदमाशों को असलहों से लैस करके इकट्ठा कर छतों पर तैनात किया था और फिर जेसीबी से रास्ता बंद कर दिया।जब पुलिस पहुंची तो उस पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।
 
विकास दुबे को पुलिस के पहुंचने की सूचना पहले से मिल चुकी थी इसके लिए पुलिस ने चार्जशीट के साथ मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल और कॉल रिकॉर्डिंग भी कोर्ट में पेश की हैं। साथ ही साथ चार्जशीट में पुलिस रिपोर्ट को यह भी बताया गया है कि पुलिस वालों पर सैकड़ों राउंड फायरिंग की गई थी।
 
पुलिस ने 17 धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की है जिसमें 7 सीएलए, 332- लोक सेवक को भय में डालना ताकि कर्तव्य पालन न कर सके, L333- लोक सेवक को भय में डालकर चोट पहुंचाना, 147- बलवा,148- घातक हथियार से हमला,120बी - षडयंत्र,149 - विधि विरुद्ध जमाव, 412 - डकैती में मिली संपत्ति को पास रखना, 302 - हत्या, मौत या आजीवन कारावास, 307- हत्या,का प्रयास,3/4 विस्फ़ोटक पदार्थ अधिनियम, 3 ऐसा कोई विस्फोटक जिससे जीवन को खतरा हो, 4 विस्फोटक अपने पास रखना ताकि दूसरे के जीवन को खतरा उत्पन्न हो, 34 सामान्य आशय, घटना में सबसे बैड़े अपराध की सजा के बराबर सजा का प्रावधान, 353-लोक सेवक को कर्तव्य पालन करने से रोकने के लिए हमला, 396 हत्यायुक्त डकैती, 504- गाली गलौज, 506 जान से मारने की धमकी के तहत सभी 36 आरोपियों को मुलजिम बनाया है।
 
अभी इनको बनाया है आरोपित अभियुक्त : शिवम उर्फ दलाल, नन्हें यादव, बब्लू मुसलमान, राजेंद्र मिश्रा व उमाशंकर बाजपेयी, कांशीराम निवादा निवासी जहान यादव, सु्ज्जानिवादा निवासी रामसिंह, विष्णु पाल यादव, वसेन निवासी शिवतिवारी, कंजती निवासी विमल प्रकाश,ग्राम कुखवा थाना शिवली निवासी गुड्डन उर्फ अरविन्द, ब्रह्मनगर थाना नजीराबाद निवासी जयकान्त वाजपेयी,बिकरू निवासी क्षमा, खुशी, रेखा अन्निहोत्री, शान्ती देवी, संजय दुबे, सुरेश वर्मा श्यामू बाजपेई, छोटू शुक्ला उर्फ अखिलेश, शशिकांत पण्डित उर्फ सोनू, रामू बाजपेयी, दयाशंकर अम्निहोत्री, गोपाल सैनी, उमाकान्त उर्फ गुड्डन, बालगोविन्द, शिवम दुबे, धर्मेन्द्र उर्फ हीरू दुबे, धीरज उर्फ धीरू, रमेश चंद्र, मनीष उर्फ वीर, कुढ़वा निवासी सुशील कुमार तिवारी उर्फ सोनू, जनपद कौशाम्बी थाना महेबा घाट ग्राम अलबारा निवासी विनय तिवारी और शिवली के नारेपुरवा मैथा निवासी राहुल पाल,आर्यनगर कोहना निवासी प्रशान्त शुक्ता उर्फ डब्बू, जनपद हापुड़ थाना हाफिजपुर ग्राम तुमरैल गिरधापुर निवासी कृष्ण कुमार शर्मा।
 
यह पुलिसकर्मी हुए थे शहीद : सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा, एसओ शिवराजपुर महेश यादव, चौकी प्रभारी मंधना अनूप कुमार,सब इंस्पेक्टर नेबू लाल, सिपाही जितेंद्र पाल, सिपाही सुल्तान सिंह, सिपाही बबलू कुमार,सिपाही राहुल।
 
यह हुए थे घायल: थाना प्रभारी बिठूर कौशलेंद्र प्रताप सिंह,सब इंस्पेक्टर सुधाकर पांडेय, सिपाही शिवमूरत, सिपाही अजय कुमार, सिपाही अजय सिंह, होमगार्ड जयराम, एसओ चौबेपुर का प्राइवेट हमराह विकास बाबू।
 
मुठभेड़ में ये मारे गए अपराधी: दुर्दात अपराधी विकास दुबे,राजाराम उर्फ प्रेम कुमार उर्फ प्रेमप्रकाश,अमर दुबे,प्रभात मिश्रा,प्रवीन शुक्ल उर्फ बउवन,अतुल दुबे पुलिस मुठभेड़ में मारे गए थे और वही 24 अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था और 12 अपराधियों ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था।
 
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