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Written By WD Feature Desk
Last Modified: बुधवार, 23 जुलाई 2025 (13:43 IST)

फर्जी ई-चालान मैसेज बन रहा साइबर फ्रॉड का नया तरीका, जानिए E-Challan Scam से बचने के उपाय

New method of cyber fraud
fake e challan messages: आज की डिजिटल दुनिया में जहां टेक्नोलॉजी ने हमारी ज़िंदगी को आसान बना दिया है, वहीं इसका फायदा उठाकर साइबर ठग नए-नए तरीकों से लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। हाल ही में सामने आया एक नया साइबर फ्रॉड तरीका है, फर्जी ई-चालान मैसेज। ये स्कैम न केवल आम लोगों को भ्रमित कर रहा है, बल्कि उनके बैंक खातों और निजी डेटा को भी खतरे में डाल रहा है। ये फर्जी मैसेज दिखने में बिल्कुल असली ई-चालान जैसा होता है, जिससे कई लोग धोखा खा जाते हैं। इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि यह E-Challan Scam क्या है, ये कैसे लोगों को निशाना बना रहा है और आप इससे कैसे सतर्क और सुरक्षित रह सकते हैं।
 
क्या है ई-चालान स्कैम? कैसे होता है फ्रॉड?
ई-चालान सिस्टम भारत सरकार का एक आधिकारिक तंत्र है जो ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर ड्राइवर को डिजिटल रूप से चालान भेजता है। लेकिन अब साइबर अपराधी इसी सिस्टम की नकल करके फर्जी मैसेज भेज रहे हैं। इन मैसेज में लिखा होता है कि आपकी गाड़ी पर चालान कटा है, जिसमें एक लिंक भी दिया होता है जैसे “Pay Now” या “Click to View Challan”। जैसे ही आप इस लिंक पर क्लिक करते हैं, आप एक नकली वेबसाइट पर पहुंच जाते हैं जो असली सरकारी वेबसाइट जैसी ही होती है। इसके बाद आपसे वाहन नंबर, मोबाइल OTP या बैंक डिटेल मांगी जाती है और वहीं से आपकी निजी जानकारी चोरी हो जाती है।
 
क्यों बढ़ रहा है ये साइबर फ्रॉड?
इस तरह के स्कैम इसलिए बढ़ते जा रहे हैं क्योंकि लोग ट्रैफिक नियम उल्लंघन को लेकर असमंजस में रहते हैं। ई-चालान की असली वेबसाइट से मिलती-जुलती नकली साइट बनाना अब आसान हो गया है। लोग जल्दी से जल्दी चालान भरकर मामला खत्म करना चाहते हैं, जिससे बिना जांचे-परखे लिंक पर क्लिक कर देते हैं। सोशल मीडिया और SMS चैनलों के माध्यम से ये स्कैम तेजी से फैल रहा है।
 
कैसे पहचानें फर्जी ई-चालान मैसेज?
  • संदिग्ध लिंक- सरकारी वेबसाइट का असली डोमेन है: echallan.parivahan.gov.in। कोई भी अलग URL या स्पेलिंग में फर्क हो तो अलर्ट हो जाएं।
  • भाषा की गलतियाँ- फर्जी मैसेज में अक्सर व्याकरण या शब्दों की अशुद्धियाँ होती हैं।
  • जल्दी भुगतान का दबाव- "तुरंत भुगतान करें नहीं तो जुर्माना बढ़ेगा" जैसी भाषा से सतर्क रहें।
  • OTP मांगना- असली ई-चालान में OTP या बैंक डिटेल नहीं मांगी जाती।
  • फोन कॉल और SMS द्वारा धमकी- अगर कोई व्यक्ति चालान न भरने पर कानूनी कार्रवाई की धमकी दे, तो वह फर्जी है।
इन तरीकों से बचें ई-चालान स्कैम से
  • हमेशा आधिकारिक वेबसाइट से ही जांच करें- अपने वाहन का चालान स्टेटस देखने के लिए सिर्फ https://echallan.parivahan.gov.in या राज्य की ट्रैफिक पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट का उपयोग करें।
  • कोई भी लिंक बिना जांचे न खोलें- किसी भी अनजान SMS, व्हाट्सएप या ईमेल लिंक पर क्लिक करने से बचें।
  • फोन में एंटी-वायरस रखें- मोबाइल में सिक्योरिटी एप्स रखें जो फिशिंग साइट्स को ब्लॉक कर सकें।
  • सोशल मीडिया पर जानकारी शेयर न करें- अपनी गाड़ी की जानकारी, नंबर प्लेट या चालान डिटेल सोशल मीडिया पर शेयर न करें।
  • OTP और बैंक जानकारी कभी न दें- कोई भी सरकारी संस्था आपसे OTP या बैंक डिटेल नहीं मांगेगी।
  • संशय होने पर ट्रैफिक हेल्पलाइन से संपर्क करें- अपने क्षेत्र की ट्रैफिक पुलिस हेल्पलाइन या नजदीकी थाने से जानकारी लें।
यदि हो गए हैं स्कैम के शिकार, तो क्या करें?
अगर आप गलती से किसी फर्जी चालान लिंक पर क्लिक कर चुके हैं या बैंक की जानकारी साझा कर दी है, तो तुरंत इन कदमों को अपनाएं:
 
  • अपने बैंक को तुरंत सूचित करें और कार्ड को ब्लॉक कराएं।
  • साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
  • पासवर्ड, UPI पिन, और नेटबैंकिंग लॉगिन तत्काल बदलें।
  • पुलिस में FIR दर्ज करवाएं ताकि ठगों को ट्रैक किया जा सके। 

अस्वीकरण (Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। 
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