गुरुवार, 28 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. चुनाव 2022
  2. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022
  3. न्यूज: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022
  4. What is the mood of UP in 2021 elections
Written By
Last Updated : सोमवार, 4 अक्टूबर 2021 (15:25 IST)

चुनाव : क्या है यूपी का मूड, BJP की रणनीति में 200 ओबीसी रैलियां व दलित सम्मेलन, अल्पसंख्यकों को साधेगा विशेष दल

चुनाव : क्या है यूपी का मूड, BJP की रणनीति में 200 ओबीसी रैलियां व दलित सम्मेलन, अल्पसंख्यकों को साधेगा विशेष दल - What is the mood of UP in 2021 elections
नई दिल्ली। अगले साल होने वाले उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अनुसूचित जातियों को साधने के लिए जाति विशिष्ट रैलियां व सम्मेलन करने की बहुविध रणनीति अपनाई है और साथ ही अल्पसंख्यक मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए उसने कार्यकर्ताओं के एक विशेष दल का भी गठन किया है। पार्टी नेताओं ने रविवार को यह जानकारी दी।

 
लोकसभा सीटों के लिहाज से और राजनीतिक रूप से अहम इस राज्य की जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने पहले ही चुनाव प्रभारियों की नियुक्ति कर दी है जिसमें सभी जाति के नेताओं को शामिल किया गया है। ओबीसी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले अनुभवी नेता व केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पार्टी के चुनाव प्रभारी हैं।
 
उत्तरप्रदेश की भाजपा इकाई के ओबीसी मोर्चे के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार कश्यप ने बताया कि पार्टी की योजना तीन चरणों में ओबीसी की विभिन्न जातियों के बीच संपर्क अभियान चलाने की है। उन्होंने कहा कि पहले चरण में पार्टी ओबीसी की विभिन्न उप जातियों के 20 सामाजिक सम्मेलन आयोजित करेगी। इन सम्मेलनों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और केंद्रीय मंत्रियों धर्मेंद्र प्रधान व भूपेंद्र यादव सहित अन्य नेता संबोधित करेंगे।
 
उन्होंने बताया कि यह सम्मेलन कश्यप, राजभर, पाल, प्रजाप्रति, जोगी, तेली, यादव, गुज्जर, सैनी, चौरसिया और कुर्मी जैसी विभिन्न जातियों का होगा। उन्होंने कहा कि ऐसा ही एक सम्मेलन जाटों का भी होगा। ज्ञात हो कि उत्तरप्रदेश में जाट ओबीसी के अंतर्गत नहीं आते। किसानों के आंदोलन के परिप्रेक्ष्य में भाजपा जाटों को अपने पाले में वापस लाना चाहती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश जाट बहुल इलाका है और खेती इनका प्रमुख पेशा है।

 
कश्यप ने कहा कि इसके बाद भाजपा एक संपर्क अभियान चलाएगी। इसके तहत ओबीसी समुदाय के विशिष्ट लोगों से मुलाकात कर जाति के नेता पार्टी द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों से अवगत कराएंगे। उन्होंने कहा कि आखिरी चरण में पार्टी 202 ओबीसी रैलियां करेगी। हर विधानसभा क्षेत्र में ऐसी दो रैलियां होंगी। इन रैलियों के केंद्र में ओबीसी की उपजातियां होंगी और उसी जाति का नेता रैलियों को संबोधित करेगा।
 
सूत्रों ने बताया कि इसी प्रकार राज्य के सभी 75 जिलों में पार्टी का अनुसूचित जाति मोर्चा अनुसूचित जाति सम्मेलन आयोजित करने पर विचार कर रहा है। पार्टी की राज्य इकाई भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त की गई बेबी रानी मौर्य के लिए राज्य के विभिन्न स्थानों पर स्वागत समारोहों का आयोजन करेगी।
 
आगरा से ताल्लुक रखने वाली बेबी रानी मौर्य ने हाल ही उत्ताराखंड के राज्पाल के पद से इस्तीफा दे दिया था। वह जाटव समुदाय से हैं। ऐसा माना जा रहा है कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में हाथ आजमाएंगी। अल्पसंख्यक मतदाताओं को साधने के लिए भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे की उत्तरप्रदेश इकाई ने अल्पसंख्यक बहुल मतदान केंद्रों पर भाजपा कार्यकर्ताओं की एक टीम तैनात की है।
 
मोर्चे के अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने बताया कि अल्पसंख्यक मोर्चा अल्पसंख्यक बहुल मतदान केंद्रों में कम से कम 20 प्रतिशत मुस्लिम वोट हासिल करने के लक्ष्य के साथ 21 सदस्यीय बूथ कार्यकर्ताओं का दल बनाने की प्रक्रिया में है। उन्होंने कहा कि यदि हर बूथ स्तरीय कार्यकर्ता 10 मतों का भी प्रबंध करने में सफल रहता है तो पार्टी 20 प्रतिशत मुस्लिम मत पाने के लक्ष्य को पूरा कर सकती है।

 
उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को मतदान के दिन सभी मुस्लिम बहुल बूथों पर तैनात किया जाएगा। इन कार्यक्रमों व अभियानों के बारे में जब राज्य के भाजपा उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक से संपर्क साधा गया तो उन्होंने कहा कि पार्टी के अग्रिम मोर्चे के सभी संगठनों को संपर्क बढ़ाने के लिए कहा गया है ताकि केंद्र व राज्य की सरकारों की ओर से किए गए विकास कार्यों से जनता को अवगत कराया जा सके।
 
ज्ञात हो कि 2014 के लोकसभा, 2017 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन प्रदर्शन किया था और विरोधियों को पटखनी दी थी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा ने गैर यादव ओबीसी और गैर जाटव दलित समुदायों में स्थान बनाया है और प्रभाव भी जमाया है। यह उप जातियां पारंपरिक रूप से समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का समर्थन करती रही हैं।
ये भी पढ़ें
कांग्रेस की पूर्वांचल से शुरू होगी 'प्रतिज्ञा रैली', प्रियंका गांधी लेंगी जनता से 7 वचन निभाने का संकल्प