आखिर कैसे भड़की लखीमपुर खीरी में हिंसा, जानिए अब तक क्या-क्या हुआ?
लखीमपुर खीरी। लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में किसानों और योगी सरकार के बीच समझौता हो गया। हालांकि विपक्षी दल अभी भी योगी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। लखीमपुर जा रहे प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव, जयंत चौधरी, संजय सिंह को हिरासत में लिया गया। आखिर कैसे यह पूरा विवाद बढ़ा और क्या है इसके पीछे की कहानी?
रविवार को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य केंद्रीय, गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के पैतृक गांव में आयोजित किए जा रहे एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जा रहे थे। उन्हें लेने के लिए गाड़ियां जा रही थीं। ये गाड़ियां केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की बताई गईं।
रास्ते में तिकुनिया इलाके में किसानों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। विरोध कर रहे किसानों और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। आरोप लगाया गया कि आशीष मिश्रा ने किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी। इसमें 4 किसानों की मौत हो गई। किसानों की मौत के बाद हिंसा भड़क गई और उन्होंने गाड़ियों को आग लगा दी।
हिंसा में बीजेपी नेता के ड्राइवर समेत 4 लोगों की मौत हो गई। इस हिंसा में अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है। इसकी आधिकारिक पुष्टि यूपी पुलिस ने की। हिंसा के बाद हालात न बिगड़ें, इसे ध्यान में रखते हुए इंटरनेट बंद कर दिया गया। केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ तिकुनिया थाने में केस दर्ज करवाया गया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा अराजक तत्वों का काम : केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने इस घटना में अपने खिलाफ साजिश रचे जाने का आरोप लगाया है। मिश्रा ने कहा कि इस मामले में उनके खिलाफ साजिश की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच छुपे कुछ अराजक तत्वों ने वारदात के दौरान घायल हुए लोगों को पीट-पीटकर उनसे कहा कि तुम मंत्री का नाम लो। मिश्रा ने यह भी कहा कि मेरे बेटे पर भी आरोप लगाने का प्रयास किया गया है। जिस तरह गाड़ी से खींच-खींचकर हमारे कार्यकर्ताओं की हत्या की गई, यह हो सकता है कि मेरे बेटे की हत्या की योजना रही हो।
भाजपा सरकार किसानों को कुचलने की राजनीति कर रही है, किसानों को खत्म करने की राजनीति कर रही है। pic.twitter.com/51R5Kmt41B
उन्होंने दावा किया कि प्रदर्शन के दौरान भीड़ में बहराइच, पीलीभीत तथा कुछ अन्य जिलों के लोगों के भी शामिल होने की बात सामने आ रही है। ऐसा लगता है कि पहले से ही कोई साजिश रची गई थी।
ये अनशन है- अन्नदाता के अधिकार के लिए, संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए।
भाजपाई हुकूमत हमारे लोकतांत्रिक व संवैधानिक अधिकारों को नहीं कुचल सकती।
अपने बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने से संबंधित सवाल पर मिश्रा ने कहा कि इस एफआईआर का कोई औचित्य नहीं है और अगर मुकदमा दर्ज किया गया है तो यह गलत तथ्यों पर आधारित होगा।
गर्माया सियासी पारा : लखीमपुर में हिंसा के बाद सियासी पारा गर्मा गया। किसान नेता राकेश टिकैत अपने समर्थकों के साथ गाड़ियों के काफिले को लेकर लखीमपुर खीरी पहुंच गए, साथ ही प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव, जयंत चौधरी, संजय सिंह भी लखीमपुर खीरी मृतक के परिजनों से मिलने के लिए पहुंचे लेकिन उन्हें रास्तों में ही हिरासत में ले लिया गया। धारा 144 के उल्लंघन के आरोप में अखिलेश यादव, शिवपाल यादव, रामगोपाल यादव को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
मुआवजे के बाद बनी बात : किसान नेता राकेश टिकैत और सरकार की ओर से अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार एवं अन्य आला अधिकारियों के बीच हुई बातचीत में यह सहमति बनी कि सरकार घटना के शिकार मृत किसानों के परिवार को 45-45 लाख रुपए का मुआवजा देगी।
इसके साथ ही मरने वालों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। मृत किसानों में दलजीत सिंह (32) नानपारा बहराइच, गुरविंदर सिंह (20) नानपारा बहराइच, लवप्रीति सिंह (19) पलिया लखीमपुर और नच्छतर सिंह धौरारा लखीमपुर शामिल हैं।