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Written By हिमा अग्रवाल
Last Updated : शनिवार, 5 फ़रवरी 2022 (18:38 IST)

किठौर विधानसभा : सत्यवीर ने रोका था शाहिद का विजय रथ, क्या BJP बचा पाएगी अपनी सीट?

किठौर विधानसभा : सत्यवीर ने रोका था शाहिद का विजय रथ, क्या BJP बचा पाएगी अपनी सीट? - Uttar Pradesh Assembly Elections 2021 Kithor Assembly Constituency ground report
अगर आप फलों के राजा के मुरीद हैं तो समझिए किठौर आमप्रेमियों के लिए तीर्थस्थली है। आम, लीची, नाशपाती जैसे लजीज़ फलों के बागान यहां की पहचान है। इस कस्बे जिसे अब उपनगर कहते हैं, में फलों की बड़ी मंडी है जहां से देशभर को फल सप्लाई होते हैं।

आम के सीजन में तो यहां के बागवानों और आढ़तियों को पसीने पोंछने का भी समय नहीं मिलता। काश्तकारों, बागवानों और हुनरमंद गार्डनर्स के लिए मशहूर यह इलाका मेरठ का एक विधानसभा क्षेत्र है जहां पहले चरण में चुनाव होने हैं, लेकिन अफसोस पूरी दुनिया के मुंह में आम की मिठास घोलने वाले इस इलाके के लोगों में अभी तक आम जैसी वह मिठास नहीं घुली जिसके वे हकदार हैं।
 मेरठ की 7 विधानसभा सीट में से एक किठौर है, यह सीट ग्रामीण बाहुल्य है। इस क्षेत्र में प्रवेश पाते ही आम के बड़े-बड़े बागान दिखाई देते है, किठौर के आम की महक राजनेताओं को खूब भाती है। आम के मौसम में यहां आम पार्टियों में दिग्गज राजनेता भी शामिल होते हैं और ये दावतें राजनीतिक समीकरण जोड़ने और गिले-शिकवे दूर करने में भी अहम भूमिका निभाती रही हैं, पर कभी भी इस इलाके में विकास की गंगा नहीं बही। समाजवादी पार्टी का गढ़ रहे इस इलाके में भाजपा का कमल खिला लेकिन विकास पांच साल में भी शिशु ही रहा या कह सकते हैं कि जन्मा ही नहीं।
 
इस विधानसभा क्षेत्र से 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां भी समूचे प्रदेश की तरह बड़ा उलटफेर हुआ। यहां से हैट्रिक लगाने वाले समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व श्रम मंत्री शाहिद मंजूर को हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी के सत्यवीर त्यागी ने शाहिद मंजूर की साइकिल को पंचर करते हुए 23 साल बाद उनका किला ढहा कर कमल खिला दिया। 
 
भाजपा ने सत्यवीर त्यागी पर एक बार फिर से भरोसा करते हुए 2022 चुनाव में किठौर विधानसभा क्षेत्र के लिए उम्मीदवार घोषित किया है, वहीं समाजवादी पार्टी ने इस क्षेत्र से तीन बार विजयी रहे शाहिद मंजूर पर फिर दांव खेला है। 10 फरवरी को किठौर के मतदाता दोनों दिग्गजों के भाग्य का फैसला अपने मतदान के जरिए करेंगे। 2017 में भारतीय जनता पार्टी के सत्यवीर त्यागी ने समाजवादी पार्टी के शाहिद मंजूर को 10 हजार वोटों से पराजित किया था।

करीब साढ़े 3 लाख मतदाताओं वाली इस सीट पर त्यागी ने अप्रत्याशित तरीके से जीत हासिल की थी जबकि इससे पहले 2012 चुनाव में रालोद के टिकट पर सत्यवीर त्यागी तीसरे नंबर पर रहे थे। किठौर सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की तादाद अच्छी खासी है, जिसके चलते वे जीत दिलवाने में निर्णायक साबित होते हैं।
 
किठौर विधानसभा क्षेत्र में कुल वोटर 3,62,802 है और यह मतदाता संख्या के हिसाब से जिले में यह तीसरे नंबर पर आता है। इनमें पुरुष वोटर की संख्या 1 लाख 98 हजार 117 है, महिला वोटर की संख्या 1 लाख 64 हजार 662 है जबकि थर्ड जेंडर 23 है। यह सीट मुस्लिम बाहुल्य है, जहां करीब 72 हजार मुस्लिम वोटर हैं। इसके अलावा एससी, गुर्जर, त्यागी, जाट वोटर भी चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं। अभी तक यहां से ज्यादातर विधायक गुर्जर या मुस्लिम बिरादरी से ही जीते हैं। 
किठौर आम पैदा करने वाला क्षेत्र माना जाता है। यहां के काश्तकारों की मांग रही है कि इससे जुड़े उद्योगों के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। किठौर के नजदीक मवाना शुगर मिल और मोहिउद्दीनपुर चीनी मिल हैं, लेकिन इसका खास फायदा यहां के किसानों को नहीं मिल पाता है।

किठौर के विकास का मुद्दा हमेशा एजेंडे में रहता है। यहां के अधिकांश लोगों का जीविकोपार्जन खेती पर निर्भर है। इस क्षेत्र में इंडस्ट्री क्षेत्र का विस्तार न होना भी एक मुद्दा है। यहां अपराध और सुरक्षा, क्षेत्र में रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा, साफ-सफाई की समस्याएं हमेशा बनी रहती हैं।
 
देखना है कि सोशल डिस्टेंसिंग वाले इस चुनाव में मतदाता किस दल या उम्मीदवार से अपनी डिस्टेंस कायम रखते हैं और किसके सिर जीत का सेहरा बंधता है।