खर्च को नहीं पचा पा रहा चुनाव आयोग!
कानपुर। उत्तरप्रदेश के कानपुर में जीत के लिए प्रत्याशी अपने क्षेत्र में जमकर प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। पर जो खर्च का ब्योरा तैयार किया जा रहा है उसमें किसी ने 3 लाख तो किसी ने हजारों में अब तक खर्च किया है। प्रत्याशियों के इस ब्योरे को चुनाव आयोग हजम नहीं कर पा रहा है। इसके लिए अब सोमवार से आयोग प्रत्याशियों के रजिस्टर की जांच करना शुरू करेगा जिससे स्थित साफ हो पाएगी।
विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण का चुनाव नामांकन वापसी की तिथि खत्म होने बाद इस समय चरम पर चल रहा है। जनपद की 10 विधानसभाओं के 100 प्रत्याशी एक-दूसरे से पीछे न रह जाए, इसके लिए दिल खोलकर रुपए खर्च कर रहे हैं, पर चुनाव आयोग को जो ब्योरा देना है, उस पर पूरी तरह से कंजूसी दिखा रहे हैं।
रविवार तक प्रत्याशियों ने जो खर्च का ब्योरा दिया है, उसे चुनाव आयोग किसी भी हाल में सही नहीं मान रहा है जिसके चलते अब प्रत्याशियों के रजिस्टर खर्च का मिलान चुनाव अधिकारी सोमवार से शुरू करेंगे। एक्सपेंडिचर मॉनिटिरिंग सेल के नोडल अफसर और मुख्य कोषाधिकारी शिवसिंह ने बताया कि सोमवार से प्रत्याशियों के नामांकन जुलूस, जनसंपर्क, बैनर, पोस्टर और बैठकों की वीडियोग्राफी को देखा जाएगा। इसके साथ ही उनके खर्च रजिस्टर का मिलान किया जाएगा।
अगर खर्च के ब्योरे पर नजर डालें तो किदवई नगर के भाजपा प्रत्याशी महेश ने अब तक अपनी विधानसभा में सबसे ज्यादा (3,05,817 रुपए) खर्च किया है तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी अजय कपूर ने लगभग डेढ़ लाख, बसपा प्रत्याशी ने करीब 40 हजार 310, बिल्हौर से सपा प्रत्याशी शिवकुमार बेरिया ने 1,85,396, बसपा प्रत्याशी ने 78,000 व भाजपा प्रत्याशी भगवती सागर ने 40,547 रुपए खर्च किए हैं।
इसी तरह कल्याणपुर से सपा प्रत्याशी ने अपने क्षेत्र में सबसे अधिक खर्च किया है। गोविन्द नगर में बसपा प्रत्याशी निर्मल तिवारी ने सबसे अधिक खर्च किया। कैंट से भाजपा उम्मीदवार रघुनंदन सिंह भदौरिया, आर्यनगर से एआईएमआईएम के प्रत्याशी रवि उल्लाह मंसूरी, बिठूर सपा के मुनीन्द्र शुक्ला ने 2 लाख 52 हजार रुपए खर्च कर सबसे आगे हैं।
उपजिला निर्वाचन अधिकारी समीर वर्मा ने बताया कि जिस तरह से प्रत्याशियों का खर्च ब्योरा आ रहा है उससे कहीं-न-कहीं आचार संहिता का उल्लंघन की बात सामने आ रही है। सोमवार से आयोग के अधिकारी सभी प्रत्याशियों के खर्चे के ब्योरों की विधिवत जानकारी जुटाएंगे। अगर किसी ने सही जानकारी नहीं दी तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।