ग्वालियर दुर्ग पर पर्यटकों से अवैध वसूली
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ग्वालियर दुर्ग पर एसएएफ चौकी के व्यवहार से व्यथित है। पुरातत्व अधिकारियों को लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि पर्यटकों के साथ एसएएफ जवानों ने धौंस-डपट कर दुर्व्यवहार किया व बेवजह वसूली की। पर्यटकों के साथ इस बदसलूकी को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने गंभीरता से लिया है। वह अब एसएएफ अधिकारियों व जिला प्रशासन से चौकी की इस हिटलरशाही की शिकायत करने जा रहा है।ग्वालियर किले पर एसएएफ चौकी की मौजूदगी यूँ तो पूरे परिसर की सुरक्षा के लिए है, पर इसका उससे विशेष लेना-देना नहीं है। दाताबंदी छोड़ गुरुद्वारे के पास बनी विशेष सशस्त्र बल की इस चौकी का स्टाफ दुर्ग पर कई ऐसी भूमिकाएँ निभा रहा है, जिससे शहरी पर्यटन की साख को बट्टा लग रहा है। पुरातत्व अधिकारियों व एएसआई चौकीदारों के मुताबिक एसएएफ के जवानों की किले परिसर में पेट्रोलिंग करने में कोई रुचि नहीं है। पर्यटकों को परेशान करने वाले असामाजिक तत्व भी एसएएफ जवानों की पकड़ से बाहर रहते हैं और गाँजा-अफीम के साथ जगह-जगह ताश फेंटते नजर आते हैं। इन सबको नजरअंदाज करके एसएएफ जवान अक्सर पर्यटकों से ही उलझ जाते हैं। समूह में आने वाले युवा व युगल पर्यटकों पर तो उनकी खासतौर से टेढ़ी नजरें होती हैं। सामने आते ही नाम-पता पूछते हुए रौब झाड़ने लगते हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण कार्यालय में पिछले कुछ महीनों से कॉलेज के लड़के-लड़कियों व कई युवाओं के परिजन अपनी शिकायत लेकर पहुँचे हैं।इनमें से अधिकांश की शिकायत थी कि एसएएफ जवानों ने उनसे बेवजह खानातलाशी करते हुए दुर्व्यवहार किया व पैसों की माँग की। सूत्रों के मुताबिक भ्रमण को आए प्रेमी युगल तो इस वसूली को सालों से चुपचाप स्वीकार करते आ रहे हैं, पर अपने मित्रों, रिश्तेदार व भाई-बहनों के साथ आने वाले युवा पर्यटक व उनके परिजन इस दुर्व्यवहार पर चुप नहीं बैठते और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के प्रति नाराजगी दर्ज कराते हैं। पर्यटकों के साथ यह बदसलूकी बंद न होते देख भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इस मामले पर कड़ा रुख किया है। वह दुर्ग पर इस वसूली की शिकायत एसएएफ के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक को करने जा रहा है।भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सहायक पुरातत्वविद शशिकांत राठौर के अनुसार - 'ग्वालियर दुर्ग के स्मारकों पर एसएएफ जवानों द्वारा पर्यटकों के साथ दुर्व्यवहार व वसूली की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। कई लड़के-लड़कियाँ व उनके अभिभावक शिकायत करने पहुँचे हैं।'