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Written By ND

गुजरात में पांच दिवसीय पतंग महोत्सव

आसमान पर छाएं पतंगों के रंग

International Kite Festival | गुजरात में पांच दिवसीय पतंग महोत्सव
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दुनिया भर में मशहूर गुजरात के अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव की 11 जनवरी को यहां साबरमती नदी के किनारे रंगारंग शुरुआत हुई। राज्यपाल कमला बेनीवाल ने इस आयोजन के लिए मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की।

पांच दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव में देश के आठ राज्यों से आए 100 पतंगबाजों और सिंगापुर, ऑस्ट्रिया, ऑस्ट्रेलिया और स्विट्जरलैंड समेत 23 देशों से आए 74 विदेशी पतंगबाजों ने हिस्सा लिया है। मुख्यमंत्री मोदी ने राज्यपाल सुश्री बेनीवाल की उपस्थिति में बुधवार को इस 22वें पतंग महोत्सव का उद्घाटन किया।

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टूरिज्म कॉरपोरेशन ऑफ गुजरात लिमिटेड की ओर से इंडिया गेट में पतंग महोत्सव का आयोजन किया गया। इस महोत्सव में न सिर्फ भारत से, बल्कि पूरे विश्व से लगभग 30 अंतरराष्ट्रीय पतंगबाजों ने भाग लिया।

इस दौरान इंडिया गेट का हरा-भरा लॉन और आसमान जैसे रंग-बिरंगी बड़ी तितलियों सरीखी पतंगों से भर गया। पतंग शो में हर आकार और आकृति की रंग-बिरंगी पतंगे उड़ाई गईं जिन्हे इंडिया गेट के आसमान पर उड़ते देखना अपने आप में एक व्योमहर्षक मौका था।

शो के दौरान प्रतिभागी न सिर्फ अपनी पतंगे उड़ा रहे थे, बल्कि अपने प्रतिंद्वियों की पतंग को काटने से भी पीछे नहीं हट रहे थे। राजधानी दिल्ली में हुआ यह पतंग शो असल में टूरिज्म कॉरपोरेशन ऑफ गुजरात लिमिटेड द्वारा मकर संक्रांति या उत्तरायण के मौके पर गुजरात में 10 से 14 जनवरी तक आयोजित करवाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव 2012 का एक हिस्सा था।

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पतंग महोत्सव के साथ ही गुजरात में एक साल में लगभग 24 बड़े मेलों और त्योहारों का दौर शुरू हो जाता है। महोत्सव का मुख्य उद्देश्य गुजरात की कला-संस्कृति का पूरे विश्व में प्रचार-प्रसार करना है। अहमदाबाद में होने वाले पतंग महोत्सव में भारत के आठ राज्यों से लगभग 120 पतंगबाज हिस्सा लेंगे और साथ 74 अंतरराष्ट्रीय पतंगबाज भी यहां अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।

इस महोत्सव के बारे में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि गुजरात में मनाए जाने वाले त्योहार खासतौर से उत्तरायण और नवरात्रि जैसे पर्व के माध्यम से राष्ट्रीय एकता और अखंडता का संदेश दिया जाता है। ये पर्व देश की संस्कृति की एकता का प्रतीक हैं।
पतंग महोत्सव मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है।