भाजपा की 'सबरीमाला सुरक्षा रथयात्रा' के जवाब में कांग्रेस की 'पदयात्रा'
कन्नूर। केरल के कसारगौड में गुरुवार को सबरीमाला मुद्दे को लेकर निकाली गई भारतीय जनता पार्टी की 'सबरीमाला सुरक्षा रथयात्रा' को सियासी माना जा रहा है। इस यात्रा पर पथराव होने की घटना भी सामने आई है।
गुरुवार को तिरुवनंतपुरम में कर्नाटक विधानसभा के विपक्षी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने रथयात्रा को हरी झंडी दिखाई। मधुर सिद्धि विनायक मंदिर से इसका नेतृत्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पीएस श्रीधरण पिल्लई और भारत धर्म जन सेना प्रमुख तुषार वेलपल्ली कर रहे हैं। आने वाले दिनों में कई नेता अलग-अलग जिलों से रैलियों का नेतृत्व करेंगे, जो 15 नवंबर को पथनमथिट्टा में खत्म होगी जहां सबरीमाला स्थित है।
सबरीमाला संरक्षण यात्रा के उद्घाटन कार्यक्रम में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सबरीमाला में तनाव खत्म करने के लिए राज्य सरकार से फौरन हस्तक्षेप करने की मांग की। उन्होंने कहा कि केरल सरकार को अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करना चाहिए और सबरीमाला में गतिरोध खत्म करने के लिए गंभीरता दिखानी चाहिए। सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केरल में सियासी हंगामा जारी है।
अब कांग्रेस भी इस मुद्दे को भुनाना चाहती है। उसने भी एक पदयात्रा निकाली है। भाजपा के बाद अब कांग्रेस भी चाहती हैं कि मंदिर में परंपरा के मुताबिक, 10 से 50 वर्ष की महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा रहे। पेरला से कांग्रेस ने अपनी पदयात्रा शुरू की। इसकी शुरुआत केरल प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी प्रमुख के. सुधाकरन ने की। कांग्रेस पांच अलग-अलग शहरों में मार्च निकालेगी।
केरल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मुलापल्ली रामचंद्रन ने कहा कि यात्रा के दौरान कांग्रेस लोगों को ये बताएगी कि किस तरह से सबरीमाला मुद्दे को सत्तारुढ़ माकपा और भाजपा ने राजनीतिक रंग दिया। उल्लेखनीय है कि सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई है। इस याचिका पर 13 नवंबर को सुनवाई होगी।