गुस्सा हुए गिब्स कहा, BCCI नहीं खेलने दे रही POK की कश्मीर प्रीमियर लीग
क्रिकेट को कई सालों पहले अलविदा कह देने के बाद दक्षिण अफ्रीका के पूर्व सलामी बल्लेबाज हर्शेल गिब्बस आज सुर्खियों में छाए रहे। दरअसल उन्होंंने एक ट्वीट कर बीसीसीआई पर आरोप लगा दिया कि उन्हें बोर्ड पाक अधिकृत कश्मीर में खेले जाने वाली कश्मीर प्रीमियर लीग में हिस्सा नहीं लेने दे रही है।
उन्होंने ट्वीट कर लिखा -यह बीसीसीआई की ओर से एक गैर जरूरी कदम उठाया गया है। अपने और पाकिस्तान के बीच चल रहे विवाद में वह मुझे क्यों घसीटना चाहते हैं। मुझे कश्मीर प्रीमियर लीग खेलने से रोका जा रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि अगर मै इस लीग का हिस्सा बनता हूं तो भारत में किसी भी क्रिकेट संबंधी कार्य में भाग लेने से मैं प्रतिबंधित रहूंगा। यह बेहूदा है।
गौरतलब है कि सालों पहले हर्शेल गिब्स भारत में ही फिक्सिंग कांड में फंस चुके हैं। 2000-01 उन पर बुकी द्वारा अपना विकेट गंवाने का आरोप लगा था।
गिब्स के अलावा श्रीलंका के पूर्व सलामी बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान और इंग्लैंड के पूर्व विकेटकीपर मैट प्रायर के सामने भी इस लीग में भाग लेने के लिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड द्वारा प्रस्ताव रखा गया था। लेकिन यह दोनों इस लीग में खेलेंगे या नहीं यह अभी तय नहीं है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कश्मीर प्रीमियर लीग का आयोजन 6 से 16 अगस्त के बीच हो सकता है। जैसा की बाकी लीग में घरेलू और विदेशी क्रिकेटर्स का संयोजन होता है उस ही तरह इस लीग में भी पाकिस्तानी क्रिकेटर्स के अलावा विदेशी खिलाड़ी भी खेलते हुए देखे जा सकेंगे।
टीमों की बात करें तो को पाक अधिकृत कश्मीर में आयोजित होने वाले इस टूर्नामें में बाग स्टैलियन, मीरपुर रॉयल्स, मुजफ्फराबाद टाइगर्स, ओवरसीज वॉरियर्स, कोटली लायंस और रावलाकोट हॉक्स नामक टीमें भाग लेंगी।
अन्य विदेशी खिलाड़ियों के नाम सामने नहीं आए हैं। लेकिन यह कयास लगाए जा सकते हैं कि पूर्व क्रिकेटर ही इस लीग का हिस्सा बनना पसंद करेंगे क्योंकि अगर आईपीएल में खेलने वाला कोई विदेशी क्रिकेटर इस लीग का हिस्सा बनता है तो फिर उसे भारतीय जनता का ऑनलाइन विरोध सहना पड़ सकता है। जिससे फ्रैंचाइजी उससे कन्नी काट सकती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह टूर्नामेंट मुज्फ्फराबाद स्टेडियम में खेला जाएगा।भारत ने सदैव पाक अधिकृत कश्मीर को अपना हिस्सा माना है। अगर इस लीग का आयोजन होता है तो दोनों मुल्कों के बीच खट्टास बढ़नी तय है।