मासूम जिन्दगियों से खेलते 'खतरों के खिलाड़ी'
'खतरों के खिलाड़ी लेवल 2' के उबकाई भरे खतरे
सभी बड़े टीवी चैनलों द्वारा दर्शकों को चौंकाने के लिए आयोजित की गई चूहा दौड़ में 'इस जंगल से मुझे बचाओं' के बाद अब एक ओर रिएलिटी शो 'खतरों के खिलाड़ी लेवल 2' का नाम भी जुड़ गया है। इस शो के एंकर बॉलीवुड के प्रसिद्ध स्टंट अभिनेता अक्षय कुमार है और प्रतिभागी देश-विदेश की 13 ग्लैमरस बालाएँ है। जिनके रूप-सौंदर्य का लावण्य तो शो के टाइटल साँग में ही झलक जाता है। एक खिलाड़ी और 13 हसीनाएँ : जिस तरह से इस शो की धमाकेदार शुरूआत हुई है उससे तो यही लगता है कि यह शो अन्य रिएलिटी शो के लिए कब्र का गड्ढा साबित होगा क्योंकि इस शो में लड़कियाँ केवल बिकनी पहनकर नहाती हुई नहीं बल्कि बिकनी पहनकर खतरनाक स्टंट करती हुई नजर आएगी। पवित्र गायत्री मंत्र का स्मरण करके माहौल को धार्मिक बनाना और उसी के तत्काल बाद हजारों केंचुओं को मुँह में लेना, मेंढक व काक्रोचों के ऊपर लेट जाना .... आखिर लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाकर कीड़े-मकोड़े खाने की यह कैसी नौटंकी है?
इस शो की 13 हसीनाएँ है मंदिरा बेदी, कैरोल ग्रेसियस, सुषमा रेड्डी, जेसी रंधावा, ब्रुना अब्दुल्ला, नौहीद, रोजा कैटालानो, रूपाली गांगुली, श्वेता साल्वे, सोनिका कालीरमन, शोनाली नागरानी, पिया त्रिवेदी और अनुष्का मनचंदा। हाल ही इनमें से कुछ हसीनाएँ हार का सामना करने के बाद खेल से बाहर भी हो चुकी है। कभी ये लड़कियाँ पानी में कूदेगी तो कभी जंगली जानवरों को कच्चा चबा जाएगी। खिलाड़ी अक्षय कुमार के ईशारे पर अपनी जान की बाजी लगाती ये हसीनाएँ भी किसी फुर्तीली लोमड़ी से कम नहीं है। पूरी तरह से घृणास्पद दृश्यों व हैरतअंगेज कारनामों का मसाला है ये शो। तभी तो इस शो का मूल मंत्र है 'जो डर गया, वो घर गया।' इन जानवरों को बचाओं : आजकल कई चैनलों पर प्रसारित किए जाने वाले रिएलिटी शो में जिस तरह छोटे व बड़े पर्दे के कलाकारों ने अपने जलवे दिखाएँ है। उसी तरह इन रिएलिटी शो में प्रतिभागियों के साथ अप्रत्यक्ष रूप से छोटे-बड़े जानवरों ने भी अपनी भूमिका निभाई है। हालाँकि इन शो में भाग लेने वाले जानवरों की जीत की रकम एक करोड़ या दस करोड़ रुपए नहीं बल्कि उनकी अनमोल जिंदगी थी, जिसे बचाने के लिए प्रतिभागियों ने तो कम परंतु उन्होंने अपने आखरी दम तक संघर्ष किया। इनमें से जो जानवर खुद पर हो रही ज्यादतियों को नहीं सह पाएँ। उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए तथा जो जीव खूँखार मानव का भोजन बनने से बच गए, उन्होंने अपनी जिंदगी का शुक्रिया अदा किया। 'खतरों के खिलाड़ी लेवल 2', 'इस जंगल से मुझे बचाओ' आदि रिएलिटी शो में मेंढक, कॉक्रोच, केंचुआ, झींगा, साँप आदि जिंदा जानवरों की दावत को जिस तरह से प्रतिभागियों के सामने परोसा गया। उससे तो यही लगता है कि इन शो में डर को भगाने की आड़ लेकर हजारों लाखों जिंदा जानवरों को मौत के घाट उतारा जा रहा है। यदि कोई किसी जानवर को मारकर, खाकर या कुचलने से ही बहादुर, महान व विजयी कहलाता है तो हर रोज हम सभी को भी एक जिंदा साँप, बिच्छू, चूहा या कॉक्रोच को मुँह में लेकर उन्हें अपना निवाला बनाना चाहिए। अब तक दर्शक यह नहीं समझ पा रहे हैं कि आखिर वह कौन सी चीज है, जिन्हें रिएलिटी शो के माध्यम से दर्शकों को परोसा जा रहा है? यह न तो पूर्णत: मनोरंजन और न ही पूर्णत: स्टंट है यह तो कुछ ओर ही है। निर्ममता से मारे गए जानवर : इनके कई साथी कभी किसी सेलिब्रिटी के मुँह का निवाला बने तो कभी किसी के पैरों तले निर्ममता से कुचले गए। इन शो के लिए हजारों जानवरों की बलि दी गई परंतु हम सभी ने इन्हें मरते देखकर नाक-मुँह जरूर सिकोड़ा परंतु इनको बचाने के लिए किसी ने भी आवाज नहीं उठाई। यही कारण है कि आजकल के हर रिएलिटी शो में फियर फेक्टर के प्रणेता कोई महान इंसान या स्टंट नहीं बल्कि लिजलिजे जानवर बनें।लिजलिजे जानवरों से घृणा करने वाले सेलिब्रिटीज की चीख तो शायद हम सभी ने सुनी होगी परंतु उन बेगुनाह जानवरों के दर्द की चीख हममें से किसी ने नहीं सुनी, जिन्हें एक लजीज व्यंजन की तरह प्रतिभागियों के सम्मुख परोसा जा रहा है तथा प्रतिभागियों के मुँह को एक ऐसा स्वाद दिया जा रहा है, जिससे आगे चलकर वे इसके दीवाने हो जाएँ। नौ सौ चूहे खाकर हज को जाना : पवित्र गायत्री मंत्र का स्मरण करके माहौल को धार्मिक बनाना और उसी के तत्काल बाद हजारों केंचुओं को मुँह में लेना, मेंढक व काक्रोचों के ऊपर लेट जाना .... आखिर लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाकर कीड़े-मकोड़े खाने की यह कैसी नौटंकी है? यह तो वैसा ही हुआ कि 'नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली।' यदि शो में पूर्ण स्टंट दिखाना ही है तो मानव की सूझबूझ व बहादुरी के कारनामे दिखाना चाहिए न कि जानवरों पर अत्याचार के। देखकर आती है उबकाई : जंगली जानवरों के साथ मानव की निर्ममता के स्टंट को पहली बार देखकर तो हर दर्शक यहीं कहता है कि 'ये क्या हो रहा है? आप स्वयं ही कल्पना कर सकते हो कि जब एक बंद बक्से में मानव व जानवरों को एक साथ बंद कर दिया जाता है। उस समय शायद मानव तो कम घबराता होगा परंतु अपने से बड़े व ताकतवर मानव रूपी जानवर को देखकर जंगली जानवर जरूर घबरा जाता होगा।काँच के पानी से भरे बक्से में बंद मानव शरीर पर 30-35 मेंढक चहलकदमी करते हैं तो शायद हम उस मानव की हालत का अंदाजा लगा सकते हैं परंतु उस जानवर की घुटन का अंदाजा कौन लगाएगा, जिसे तालाब या नदी से लाकर मानव के साथ बक्से में कैद कर दिया गया है, ऐसे में जानवर मानव शरीर पर चहलकदमी नहीं करेगा तो फिर क्या करेगा? इस जंगल से मुझे बचाओ, खतरों का खिलाड़ी आदि रिएलिटी शो में कभी प्रतिभागी को साँप, मछली, मेंढक, झींगा आदि जानवरों को मुँह से उठाकर जार में डालने को कहा जाता है तो कभी 8 से 10,000 जिंदा लाल केंचुओं को मुँह में भरकर अपने साथी के सिर पर डालने को कहा जाता है। किस तरह का स्टंट है ये : अब तक फिल्मों में हमने मारधाड़ करने व बिल्डिंगों से कूदने को ही स्टंट के रूप में देखा है। परंतु विदेशी चैनलों के शो की नकल करके दिखाए जाने वाले इन नए रिएलिटी शो में हमें एक नया स्टंट देखने को मिलेगा, जिसमें जिंदा जानवरों को मारना, काटना व खाना होगा। जो स्टंट इस कार्य में कम समय लेगा व जल्दी से अपना जंगलीपन सबको दिखाएगा वही बनेगा इन रिएलिटी शो का विजेता।