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Written By अनहद

पहले मंगता बनाते हैं, विजेता बाद में

इंडियन आयडल
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अगर इस बार भी "इंडियन आइडल" किसी लड़के को चुना जाता तो गड़बड़ हो जाती। इस आरोप को बल मिलता कि वोटिंग केवल लड़कियाँ/ महिलाएँ करती हैं, और वे लड़कियों को नहीं लड़कों को वोट करती हैं। अगली बार के लिए अच्छा गाने वाली लड़कियाँ मिलने में दिक्कत आती, लोगों की दिलचस्पी कार्यक्रम के प्रति कम हो जाती, इसीलिए चौथी बार सौरभी को जिता दिया गया है।

ऐसा नहीं है कि सौरभी में कोई कमी थी या वे जीत के लायक नहीं थीं। वे उतनी ही योग्य लड़की हैं जितनी पहले, दूसरे और तीसरे "इंडियन आइडल" की लड़कियाँ थीं, पर अब हालात बदल गए हैं। इस बार "इंडियन आइडल" का सारा मसाला राजदीप में था। मगर उन्हें पहले ही बाहर होना पड़ा, क्योंकि इस बार किसी लड़की को जिताना तय कर रखा गया था।

एक बार फिर "इंडियन आइडल" नाम का यह तमाशा सवालों के घेरे में है। ये जवाब किसी के पास नहीं हैं कि कुल कितने वोट डले, किसको कितने वोट मिले और जीतने वाली कितने वोटों से जीती। इस तरह की प्रतियोगिताओं के नाम होने चाहिए- "वोट तुम्हारा, गायक हमारा", या फिर "धन तुम्हारा, मन हमारा"।

उपभोक्ताओं को ठगी और गलत तौर-तरीकों से बचाने के लिए सैकड़ों उपभोक्ता संगठन हैं, उपभोक्ता अदालतें हैं। फर्जी विज्ञापनों पर भी कार्रवाई की जा सकती है। मगर टीवी दर्शकों को चैनलों की ठगी से बचाने के लिए कोई संगठन नहीं है।

हर चीज वोटों से तय होती है और एक वोट 3 से 6 रुपए तक का होता है। कम से कम यह व्यवस्था तो होनी ही चाहिए कि दर्शकों द्वारा दिए गए वोट का पारदर्शी हिसाब-किताब हो। कोई चैनल अगर यह व्यवस्था और वादा करे कि वह हर वोट का हिसाब-किताब रखेगा और जनता को भी बताएगा कि किसे कितने वोट आए हैं, तो वह कार्यक्रम अपने कंटेंट की वजह से कम और अपनी पारदर्शिता के कारण अधिक सफल हो सकता है। आज टीवी का दर्शक इस बात पर खीज महसूस करता है कि उससे चैनल वाले वोट के जरिए पैसा माँगते हैं।

पहले भी बाजीगर लोग तमाशा दिखाकर तमाशबीन से पैसा माँगा करते थे। मगर टीवी के इन तमाशागरों के पास विज्ञापन हैं, केबल वाले से वसूला गया कनेक्शन का पैसा है। फिर बड़े सितारे अपने प्रचार के लिए टीवी पर आते हैं। जाहिर है निर्माता भी पैसा देता होगा। इसके बावजूद सभी चैनल वालों की नजर दर्शकों के मोबाइल फोन पर है।

सौरभी को इसीलिए जिताया गया है कि यह खेल इसी तरह चलता रहे। "इंडियन आइडल" खत्म हो गया है, तो क्या बहुत कुछ चल रहा है। अगर आप भावुक हैं, तो अपने आपको किसी को वोट देने से नहीं रोक सकते। इतनी हसीन लड़कियाँ, इतने गबरू लड़के वोट माँगते हैं कि इंसान पिघल जाता है। टीवी वाले विजेता बाद में बनाते हैं, पहले मंगता बनाते हैं। विजेता का मतलब है, वो व्यक्ति जिसे सबसे ज्यादा वोट (रुपए) मिले हैं।