कब्जे के बाद तालिबान का पहला लोया जिरगा, सभी राजनीतिक दलों को शामिल करने का प्रयास
काबुल। अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने सोमवार को 'लोया जिरगा' यानी भव्य सभा का आयोजन किया जिसमें 8 से ज्यादा उलेमाओं तथा धर्म के विद्वानों ने हिस्सा लिया है। तालिबान के राजनीतिक नेताओं ने भी लोया जिरगा में भाग लिया। तालिबानी नेता एवं दोहा शांति वार्ता दल के महत्वपूर्ण सदस्य मौलवी अमीर खान मुतक्की ने लोया जिरगा की अध्यक्षता की। इस दौरान मौलवी मुतक्की ने कहा कि तालिबान इस्लामी अमीरात अफगानिस्तान की नई सरकार में देश के सभी राजनीतिक दलों को शामिल करना चाहता है।
वहीं तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने कहा कि कट्टरपंथी समूह द्वारा काबुल पर कब्जा करने के बाद पहली बार अफगानिस्तान की राजधानी में लोया जिरगा का आयोजन किया गया। उन्होंने जिरगा को संबोधित करते हुए युवा पुरुषों तथा महिलाओं से इस्लामिक अमीरात अफगानिस्तान का निर्माण करने में मदद करने की अपील की। साथ ही उन्होंने देश की शिक्षा व्यवस्था के बारे में भी बात की।
उन्होंने कहा कि आपका जिहाद इस्लामी व्यवस्था और इस्लामी शासन के लिए था। किसी से भी मत डरो। उन्होंने कहा कि आर्थिक योजनाओं के क्रियान्वयन से अफगानिस्तान आत्मनिर्भर बनेगा। तालिबान ने भी कहा है कि लड़कियां पहली कक्षा से उच्च शिक्षण संस्थानों तक तालीम हासिल कर सकती हैं। इस्लामिक सहयोग संगठन तालिबान नेताओं से मिलने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल को काबुल भेज रहा है।
इस बीच तालिबान ने हाजी मुहम्मद इदरीस को अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक का कार्यवाहक गवर्नर नियुक्त किया है। मुजाहिद ने पहले ट्वीट कहा था कि हाजी मोहम्मद इदरीस को सरकारी संस्थानों और बैंकिंग मुद्दों को व्यवस्थित करने तथा लोगों की समस्याओं को दूर करने के उद्देश्य से 'दा अफगानिस्तान बैंक' (डीएबी) के कार्यवाहक प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया है। (वार्ता)