दक्षिण अफ्रीका एक उच्च श्रेणी की क्रिकेट टीम है लेकिन आईसीसी टूर्नामेंट में जब यह खेलने उतरती है तो अहम मौकों पर विफल हो जाती है जिससे इस पर चोकर्स का दाग लग चुका है। इस बार भी स्थिति कुछ खास अच्छी नहीं है।
भारत दौरे पर सीमित ओवर की श्रृंखलाओं में हार का सामना करने के बाद यहां पहुंची दक्षिण अफ्रीका की टीम मुख्य खिलाड़ियों के चोटिल होने से परेशान है।
टीम को रासी वेन डर डूसेन और ड्वेन प्रिटोरियस जैसे अंतिम एकादश में अपनी जगह लगभग पक्की रखने वाले खिलाड़ियों की सेवाएं नहीं मिलेंगी।
खुद कप्तान बावुमा भी कोहनी की चोट से वापसी के बाद से लय हासिल करने में विफल रहे है और दबाव में हैं।जानते हैं क्या है इस टीम की ताकत और कमजोरियां
ताकत- टीम की सबसे बड़ी ताकत उसकी गेंदबाजी लगती है। खासकर कगीसो रबाड़ा और एनरिच नोर्त्जे की तेज तर्रार गेंदबाजी ऑस्ट्रेलिया में असर दिखा सकती है। यानसेन और पार्नेल दो बाएं हाथ के गेंदबाजी विकल्प है। स्पिन गेंदबाजी में महाराज भी चतुराई भरा प्रदर्शन करते हैं।
कमजोरी- दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाजी अनुभव हीन लग रही है। उस पर कई बल्लेबाज बुरे फॉर्म से गुजर रहे हैं। डेविड मिलर को छोड़ दिया जाए तो किसी बल्लेबाज पर यह भरोसा करना मुश्किल है कि वह अंतिम ओवरों में तेजी से रन बना लेगा।
इन खिलाड़ियों पर होंगी निगाहेंक्विंटन डि कॉक- टीम के वरिष्ठ सदस्य और विकेटकीपर क्विंटन डि कॉक के बल्ले पर काफी कुछ निर्भर करेगा जब बावुमा खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं। वह खासी तेजी से रन बनाते हैं और इस बार भी उनसे यह ही उम्मीद है।
एडम मार्करम- ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के लिए जाने वाले मार्करम को ना केवल बल्ले से पर कभी कभी गेंद से भी दक्षिण अफ्रीका के लिए योगदान देना होगा। वह भी एक बड़ा नाम है जिसक कारण उनसे खासी उम्मीद हैं।
वेन पार्नेल- 5 साल बाद दक्षिण अफ्रीका की टी-20 टीम में लौटे वेन पार्नेल का सफर मिला जुला रहा है। गेंदबाजी में तो उन्होंने प्रभावित किया है पर वैसी बल्लेबाजी नहीं की जिसके लिए वह जाने जाते थे। वह एक ऑलराउंडर है और अफ्रीकी टीम के लिए बेहद अहम।
कगीसो रबाड़ा- दक्षिण अफ्रीका की तेज गेंदबाजी ईकाई की धुरी कगीसो रबाड़ा चाहेंगे कि वह अपनी टीम को शुरुआती विकेट निकाल कर दें। अंतिम ओवर में भी वह किफायती गेंदबाजी करते हैं।
डेविड मिलर:- पिछले एक साल में मिलर ने दक्षिण अफ्रीका के लिये शानदार प्रदर्शन किया है। इस साल आईपीएल में भी उन्होंने खिताब जीतने वाली गुजरात टाइटंस के लिये 68 . 71 की औसत से 481 रन बनाये। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उस फॉर्म को जारी रखते हुए उन्होंने भारत के खिलाफ श्रृंखला में 47 गेंद में 106 रन की पारी खेली।
हम ना तो अच्छी ना ही खराब स्थिति में: बावुमा ने विश्व कप से पहले कहादक्षिण अफ्रीका के कप्तान तेम्बा बावुमा का मानना है कि टी20 विश्व कप में उनकी टीम से प्रशंसकों को ज्यादा उम्मीदें नहीं है लेकिन हाल के दिनों में खराब प्रदर्शन के बाद भी टीम में किसी तरह की निराशा का माहौल नहीं है।
बावुमा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, मुझे लगता है कि टीम के तौर पर हम ना तो काफी अच्छी स्थिति में है ना ही खराब स्थिति में। हम टूर्नामेंट को लेकर उत्साहित हैं। हम विश्व कप शुरू होने का इंतजार कर रहे है।
बावुमा ने कहा, ईमानदारी से कहूं तो टीम में सकारात्मक माहौल है हम भारत से यहां आए हैं जहां हमारा प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था।
कप्तान ने कहा, मुझे हालांकि विश्वास है कि पूरे सत्र में एक टीम के तौर पर हमने जैसा प्रदर्शन किया है वैसा यहां भी कर सकते है।
दक्षिण अफ्रीका ने कभी विश्व कप नहीं जीता है और बावुमा को लगता है कि इस टूर्नामेंट के लिए टीम से ज्यादा उम्मीद नहीं है ऐसे में दबाव कम होगा।
उन्होंने कहा, एक टीम के तौर पर हम से बहुत अधिक उम्मीदें नहीं हैं। इसलिए मुझे लगता है कि हम हर दिन जो कर सकते हैं वह करेंगे। इसके साथ ही हम खेल का लुत्फ भी उठायेंगे।
ऑलराउंडर प्रिटोरियस भारत दौरे पर अंगूठे में चोट लगने के बाद टी 20 विश्व कप से बाहर हो गये। उनकी जगह बाएं हाथ के तेज गेंदबाज मार्को जेनसन को टीम में शामिल किया गया है।बावुमा ने कहा कि जेनसन के आने से टीम में विविधता आयी है।
उन्होंने कहा, मार्को हमारे लिए एक शानदार जुड़ाव है। वह अतिरिक्त गति के साथ गेंदबाजी करने में सक्षम है। वह एक बाएं हाथ का विकल्प भी है जो हमारे गेंदबाजी आक्रमण में थोड़ी अधिक विविधता देता है। उसकी लंबाई के कारण गेंद को अच्छी उछाल मिलती है।