बेन स्टोक्स ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वह बड़े मैच के बड़े खिलाड़ी है। वनडे विश्वकप फाइनल के बाद अब टी-20 विश्वकप फाइनल में भी उन्होंने एक नाबाद अर्धशतक जड़ दिया। दोनों ही ऐसे मौके पर आए थे जब टीम मुश्किल में थी।
इंग्लैंड ने खिताबी मैच में 138 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 49 के स्कोर पर 3 विकेट गंवा दिये थे, लेकिन एकदिवसीय विश्व कप 2019 के फाइनल में इंग्लैंड के नायक रहे स्टोक्स ने यहां भी अपनी टीम को संकट से निकालकर जीत दिलाई। बटलर ने 49 गेंदों पर पांच चौके और एक छक्का लगाकर 52 रन की नाबाद पारी खेली, जबकि मोइन अली के साथ (19) के साथ 48 रन की मैच जिताऊ साझेदारी भी की।
137 रनों का स्कोर और 49 रनों पर 3 विकेट दिखने में एक आसान सा समीकरण लग रहा हो लेकिन उन्होंने नसीम शाह और हैरिस राउफ की स्विंग लेती गेंदों का जैसे सामना किया वह काबिल ए तारीफ था। श्रीलंका के खिलाफ भी उन्होंने लगभग ऐसी पारी खेलकर ही टीम को सेमीफाइनल में पहुंचाया था।
2019 वनडे विश्वकप फाइनल में रहे थे इंग्लैंड के जीत के नायकवनडे विश्वकप फाइनल 2019 में इंग्लैंड के सामने 242 रन का लक्ष्य था लेकिन उसके चोटी के चार विकेट 86 रन पर गंवा दिये थे। बेन स्टोक्स (98 गेंदों पर नाबाद 84) और जोस बटलर (60 गेंदों पर 59) ने पांचवें विकेट के लिए 110 रन की साझेदारी करके स्थिति संभाली लेकिन इंग्लैंड की टीम 241 रन पर आउट हो गई थी।
न्यूजीलैंड ने आठ विकेट पर 241 रन बनाए थे। उसकी तरफ से हेनरी निकोल्स (77 गेंदों पर 55) और केन विलिमयसन (53 गेंदों पर 30) ने दूसरे विकेट के लिए 74 रन जोड़े। कप्तान विलिमयसन के आउट होते ही टीम लड़खड़ा गई थी। उसके बाकी बल्लेबाजों ने भी अच्छी शुरुआत की लेकिन केवल टॉम लैथम (56 गेंदों पर 47) ही 20 रन की संख्या पार कर पाए थे।
सुपर ओवर में इंग्लैंड की तरफ से स्टोक्स और बटलर क्रीज पर उतरे थे और उन्होंने ट्रेंट बोल्ट पर एक-एक चौके की मदद से 15 रन बनाये थे। इस तरह से न्यूजीलैंड को जीत के लिए 16 रन का लक्ष्य मिला था।
जोफ्रा ऑर्चर गेंदबाज थे। पहली गेंद वाइड थी, दूसरी गेंद पर दो रन बने और जेम्स नीशाम ने तीसरी गेंद छक्के के लिए भेज दी थी। अगली दो गेंदों पर दो-दो रन बने थे। पांचवीं गेंद पर एक रन लेकर नीशाम ने मार्टिन गुप्टिल को एक गेंद पर दो रन बनाने का मौका दिया था। गुप्टिल एक रन बनाया और दूसरा रन लेने के प्रयास में रन आउट हो गए थे। न्यूजीलैंड को लगातार दूसरी बार उप विजेता बनकर संतोष करना पड़ा था।
एशेज की वो ऐतिहासिक पारीइंग्लैंड को विश्व विजेता बनाने के बाद भी बेन स्टोक्स ने हार नहीं मानी और अपनी जबरदस्त फॉर्म को बरकरार रखा था। विश्व कप के ठीक बाद एशेज सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उन्होंने एक ऐसी पारी खेली जो हमेशा-हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गयी थी।
लीड्स के मैदान पर इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच एशेज का तीसरा मुकाबला खेला गया था, जहां इंग्लैंड के सामने मुकाबला जीतने के लिए कंगारू टीम ने 359 रनों का लक्ष्य रखा था।इंग्लैंड ने अपने 9 विकेट 286 के स्कोर पर गवां दिए थे और हार टीम के सिर पर मंडरा रही थी, लेकिन स्टोक्स को कुछ ओर ही मंजूर था।
बेन स्टोक्स ने नंबर 11 के खिलाड़ी जैक लीच के साथ मिलकार नाबाद 76 रनों कि साझेदारी बनाकर इंग्लैंड को एक हारा हुआ मुकाबला जीता दिया। इंग्लैंड की इस नायाब जीत में स्टोक्स ने 219 गेंदों का सामना करते हुए 135 रनों की नाबाद पारी खेली थी।
कोलकाता पर बुरे सपने को भुला दिया बेन स्टोक्स नेवेस्टइंडीज को 2016 टी-20 विश्वकप फाइनल में जीत के लिए आखिरी छह गेंदों पर 19 रन की जरूरत थी ।स्टोक्स की पहली गेंद पर ब्रैथवेट ने डीप बैकवर्ड स्क्वेयर लेग के ऊपर छक्का जड़ दिया। अब आंकड़ा 13 रन आ चुका था। अगली गेंद पर ब्रैथवेट ने लांग ऑन के ऊपर छक्का मार दिया। अब आंकड़ा सात रन आ गया। इंग्लैंड की टीम और उनके समर्थक हतप्रभ थे कि अचानक यह क्या हो गया। दो छक्के पड़ने पर स्टोक्स के चेहरे से जैसे हवाइयां उड़ने लगीं।
तीसरी गेंद पर ब्रैथवेट का शॉट लांग ऑफ सीमा रेखा के ऊपर से निकल गया था। स्कोर अब बराबर हो चुका था और टीम को जीत के लिए एक रन चाहिए था। वेस्टइंडीज की पूरी टीम सीमा रेखा पर खड़ी हो गई थी। चौथी गेंद पर एक और जबर्दस्त छक्का पड़ा और विश्व खिताब वेस्टइंडीज की झोली में आ गया था।